NSE ने 1000 शेयरों पर लगाई रोक! अडानी पॉवर और पेटीएम जैसे स्‍टॉक शामिल

NSE Rule : भारतीय शेयर बाजार के नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने अपने निवेशकों के लिए नया सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब शेयरों को गिरवी रखकर ब्रोकर से पैसे लेते समय काफी सावधान रहना होगा. एक्‍सचेंज ने कोलैटरल लिस्‍ट में से 1,010 शेयरों को हटा दिया गया है.

NSE ने 1000 शेयरों पर लगाई रोक! अडानी पॉवर और पेटीएम जैसे स्‍टॉक शामिल
हाइलाइट्स एनएसई ने 1 अगस्‍त से कोलैटरल के निमयों में बदलाव किया है. इसका असर ब्रोकर के पास शेयर गिरवी करने वालों पर होगा. अब 1010 शेयरों को ब्रोकर के पास गिरवी नहीं रखा जा सकेगा. नई दिल्‍ली. नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE) ने बड़ा कदम उठाते हुए सिक्‍योरिटी एलिजिबल लिस्‍ट को सख्‍त बना दिया है. इसके साथ ही एनएसई ने इंट्राडे और डेरिवेटिव ट्रेडिंग वाले 1010 शेयरों को इस लिस्‍ट से हटा भी दिया है. एनएसई ने 1,730 एलिजिबल सिक्‍योरिटीज में से अडानी पॉवर, यस बैंक, सुजलान, भारत डायनेमिक्‍स और पेटीएम जैसी दिग्‍गज कंपनियों को लिस्‍ट से हटा दिया है. एनएसई के इस फैसले का निवेशकों पर सीधे तौर पर असर पड़ेगा. एक्‍सचेंस ने अपने सर्कुलर में कहा है कि 1 अगस्‍त से उन्‍हीं सिक्‍योरिटीज को कोलैटरल के रूप में स्‍वीकार किया जाएगा जिनकी ट्रेडिंग 6 महीने में कम से कम 99 दिन हुई हो और 1 लाख के ऑर्डर वैल्‍यू पर कॉस्‍ट इम्‍पैक्‍ट 0.1 फीसदी का रहा हो. इस फैसले के बाद निवेशकों के कोलैटरल के जरिये शेयर खरीदने में समस्‍या आएगी. इसका सीधा असर मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिट (MTF) पर दिखेगा. इसके जरिेये निवेशक अपनी मार्जिन फंडिंग को सिक्‍योर करने के लिए शेयरों को कोलैटरल के रूप में गिरवी रख देते हैं. 1 अगस्‍त से ऐसा नहीं हो सकेगा. ये भी पढ़ें – सस्‍ते कर्ज पर गवर्नर ने साफ कर दी तस्‍वीर! बताया क्‍या है लाखों की खुशी में रोड़ा, कब तक घटाएंगे ब्‍याज क्‍या है MTF की सुविधा बाय नाऊ पे लैटर जैसी ही होती है MTF सुविधा. यह निवेशक को बिना पूरा भुगतान किए ही शेयर खरीदने की सुविधा देता है. निवेशक कुल अमाउंट का एक हिस्‍सा भुगतान करता है और बाकी पैसा ब्रोकर से एक तरह का लोन लेकर शेयर खरीद लेता है. ब्रोकर भी इस भुगतान के एवज में कुछ ब्‍याज वसूलते हैं. मान लीजिए किसी निवेशक को 1 लाख के शेयर खरीदने हैं तो वह 30 हजार रुपये देकर बाकी 70 हजार ब्रोकर से लोन लेकर खरीद सकता है. अब जरूरत होती है कोलैटरल की MTF में निवेशक को ब्रोकर से लोन लेने की सुविधा तो मिल गई, लेकिन ब्रोकर का पैसा सुरक्षित करने के लिए निवेशक के शेयरों को गिरवी रख दिया जाता है. इसे ही कोलैटरल कहते हैं. अगर कोलैटरल की वैल्‍यू गिरती है तो निवेशक को इसमें और शेयर जोड़ने पड़ते हैं या फिर अपने कुछ हिस्‍से बेचकर कोलैटरल पर बोझ घटाना पड़ता है. नए आदेश से क्‍या असर जैसा कि एनएसई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि कई कंपनियों के स्‍टॉक को कोलैटरल से हटा दिया गया है तो इसका निवेशकों पर सीधा असर होगा. अभी तक निवेशक 1,730 शेयरों को गिरवी रखकर ब्रोकर से पैसे ले सकते थे. अब इसमें से 1,010 स्‍टॉक्‍स को 1 अगस्‍त से हटा दिया जाएगा. इसमें Adani Power, Yes Bank, Suzlon, Hudco, Bharat Dynamics, Bharti Hexacom, IRB Infrastructure, NBCC, Go Digit, Tata Investment, Paytm, Inox Wind, Jupiter Wagons, KIOCL, Jyoti CNC Automation, JBM Auto, Hatsun Agro Product, Tejas Networks सहित कई दिग्‍गज कंपनियों के शेयर हैं. क्‍या है फैसले का मकसद एनएसई ने यह फैसला शेयर बाजार में स्थिरता लाने के लिए किया है. इस फैसले का मकसद ये है कि सिर्फ हाई लिक्विड यानी जिसमें कैश की उपलब्‍धता पर्याप्‍त हो और स्‍टॉक स्थिर हो, उन्‍हीं को बतौर कोलैटरल यूज किया जा सके. इससे फाइनेंशियल सिस्‍टम और शेयर बाजार पर रिस्‍क कम हो जाएगा और स्थिरता आएगी. Tags: Business news, Share market, Stock marketFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 16:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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