छोटी-मझोली कंपनियों के लिए बड़ी खबर! पेमेंट मिलने में हो सकती है देरी
छोटी-मझोली कंपनियों के लिए बड़ी खबर! पेमेंट मिलने में हो सकती है देरी
MSME Payment Rule : सरकार ने पिछले साल ही MSME को समय पर भुगतान दिलाने के लिए 45 दिन का नियम लागू किया था, लेकिन इसमें इतनी दिक्कतें आ चुकी हैं कि अब इस नियम को बदलने पर विचार किया जा रहा है. कयास हैं कि जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में यह नियम बदल सकता है.
हाइलाइट्स अभी MSME को बड़ी कंपनियों से 45 दिन के भीतर भुगतान जरूरी होता है. नए नियम के तहत भुगतान की अवधि 60 दिन किए जाने की संभावना है. सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से 45 दिन रिलेक्सेशन वाला नियम लागू किया था.
नई दिल्ली. छोटी-मझोली कंपनियों (MSME) के लिए पेमेंट के नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है. सरकार जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में इसकी घोषणा कर सकती है. इसका असर MSME के भुगतान नियमों पर पड़ेगा. अभी MSME को बड़ी कंपनियों की ओर से 45 दिन के भीतर भुगतान किया जाना जरूरी होता है. नए नियम के तहत भुगतान की यह अवधि बढ़ाकर 60 दिन किए जाने की संभावना है. इसका मतलब हुआ कि MSME को बड़ी कंपनियों से भुगतान मिलने में और देरी हो सकती है.
दरअसल, सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से 45 दिन रिलेक्सेशन वाला नियम लागू किया था. इसके तहत बड़ी कंपनियों के साथ MSME का कॉन्ट्रैक्ट होने पर उन्हें 45 दिन के भीतर भुगतान किया जाना जरूरी होता है. अगर बड़ी कंपनियां 45 दिन के भीतर MSME को उनका पेमेंट नहीं देती हैं तो वे अपने खर्चों पर टैक्स छूट का फायदा नहीं उठा सकेंगी. हालांकि, इस नियम को लेकर कंपनियों के बीच काफी कंफ्यूजन है, जिसकी वजह से उन्हें भुगतान में दिक्कत आ रही थी. कंपनियों की सिफारिश पर सरकार जुलाई के बजट में इस पर फिर से नया फैसला कर सकती है.
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कंपनियों पर बढ़ा टैक्स का बोझ
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि 45 दिन के भीतर पेमेंट न कर पाने की वजह से कंपनियों पर टैक्स का बोझ बढ़ रहा है. इससे बचने के लिए कंपनियों ने नियम में बदलाव की गुहार लगाई थी. माना जा रहा है कि चुनाव बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा, जिसमें 45 दिन की रियायत को बढ़ाकर 60 दिन किया जा सकता है. इससे भुगतान के लिए और समय मिल जाएगा.
क्या कहता है आयकर कानून
फाइनेंस बिल 2023 में पेश किए गए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 43B(h) के अनुसार, अगर कोई बड़ी कंपनी MSME के साथ लिखित एग्रीमेंट करने के बाद उसके उत्पाद या सेवा के एवज में 45 दिन के भीतर भुगतान नहीं करती है तो ऐसी कंपनी को अपने खर्चों पर टैक्स डिडक्शन लेने का मौका नहीं दिया जाएगा. इससे कारोबार में आ रही मुश्किलों को देखते हुए कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) सहित तमाम संगठनों ने वित्त और MSME मंत्रालयों से नियमों में बदलाव की गुहार लगाई है.
क्या हो सकता है बदलाव
अधिकारी के अनुसार, MSME मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के साथ बातचीत की और 45 दिन के भुगतान नियमों में बदलाव पर विचार किया जा सकता है. इस बारे में फैसला भी किया जा चुका है और जल्द ही MSME मंत्रालय इस बाबत प्रस्ताव बनाकर वित्त मंत्रालय को भेज देगा. उन्होंने कहा कि वैसे तो इस नियम को इसलिए बनाया गया था, ताकि MSME को समय पर भुगतान मिल सके, लेकिन इसमें काफी समस्या आ रही है. इससे बचने के लिए कंपनियां कारोबार करने के लिए MSME लाइसेंस छोड़ने की शर्त रखने लगी हैं.
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Tags: Business news in hindi, Ministry of Finance, Moving companies, MSME SectorFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 16:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed