बीमा कंपनियां अब अपनी मर्जी से अस्पतालों को पैनल में शामिल करेंगी जानें इससे मरीजों को फायदा होगा या नुकसान

अब बीमा कंपनियां (Insurance Companies) अपनी मर्जी से अस्पतालों (Hospitals) को पैनल में शामिल कर सकेंगी. पिछले दिनों ही भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इसको लेकर अनुमति दी थी. इरडा ने मरीजों (Patients) के कैशलेश सुविधा (Cashless Facility) के लिए मानदंड़ों में ढील देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है.

बीमा कंपनियां अब अपनी मर्जी से अस्पतालों को पैनल में शामिल करेंगी जानें इससे मरीजों को फायदा होगा या नुकसान
नई दिल्ली. अब बीमा कंपनियां (Insurance Companies) अपनी मर्जी से अस्पतालों (Hospitals) को पैनल में शामिल कर सकेंगी. पिछले दिनों ही भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने इसको लेकर अनुमति दी थी. इरडा ने मरीजों (Patients) के कैशलेश सुविधा (Cashless Facility) के लिए मानदंड़ों में ढील देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि इस फैसले से अब ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों में में मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी. इसके तहत बीमा कंपनियों को बोर्ड स्तर पर एक नीति बनानी होगी. इसके बाद बीमा कंपनी किसी भी अस्पताल को पैनल में ला सकती है. आपको बता दें कि इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि पैनल में उन्हीं अस्पतालों को शामिल किया जाएगा, जो बीमा कंपनियों के बोर्ड के बोर्ड द्वारा तैयार नियमों का पालन करेंगे. इस फैसले के बाद बीमा कंपनियों ने खुशी जाहिर किया है औऱ कहा है कि इस फैसले के बाद देश के अंदर बीमा कंपनियों में सुधार होगा. अब बीमा कंपनियों की पहुंच देश के ज्यादातर इलाकों और ज्यादातर अस्पतालों में होगी. अब तक उन्हीं अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की इजाजत थी, जिनके पास एनबीएच का प्रमाण पत्र होता था. मरीजों को क्या होगा फायदा? गौरतलब है कि अब तक उन्हीं अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की इजाजत थी, जिनके पास एनबीएच का प्रमाण पत्र होता था या फिर अस्पताल के रजिस्ट्री ऑफ हॉस्पिटल्स इन द नेटवर्क ऑफ इंश्योर्स में पंजीकरण होना जरूरी था. अब इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वह किसी भी अस्पताल को पैनल में शामिल करने से पहले बुनियादी सुविधाओं पर विचार करना चाहिए. साथ ही बोर्ड द्वारा संशोधित अस्पताल के मानदंडों को आधिकारिक वेबसाइट पर डालना जरूरी होगा. बीमा कंपनियां क्यों इस फैसले से खुश है? विशेषज्ञों का मानना है कि इरडा के इस फैसले के बाद अस्पतालों में कैशलेस क्लेम का दायरा अब पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ेगा. इससे पहले कुछ दिन पहले ही इरडा ने बीमा कंपनियों को कई और रियायतें दी थीं, जिसमें अब बीमा कंपनियां हेल्‍थ और लगभग सभी जनरल इंश्‍योरेंस प्रॉडक्‍ट्स को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की अनुमति के बिना भी लॉन्‍च कर सकेगी. हर भारतीय को बीमित करने के उद्देश्‍य से इरडा ने ‘यूज एंड फाइल’ प्रक्रिया में बदलाव किया था. इरडा के इस कदम से बीमा कंपनियों को कारोबार करने में आसानी होगी साथ ही ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को इंश्‍योरेंस के दायरे में लाने में भी यह काफी सहायता करेगा. बीमा कंपनी को अपना कोई उत्‍पाद पेश करने से पहले इरडा से पूर्व-स्‍वीकृति लेनी होती थी. ये भी पढ़ें: मंकीपॉक्स मरीजों के लिए गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बना 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड अभी तक बीमा कंपनी को अपना कोई उत्‍पाद पेश करने से पहले इरडा से पूर्व-स्‍वीकृति लेनी होती है. लेकिन, अब इरडा के द्वारा नियमों में बदलाव करने के बाद हेल्‍थ और लगभग सभी जनरल इंश्‍योरेंस प्रॉडक्‍ट लॉन्‍च करने से पहले बीमा नियामक की मंजूरी लेने की आवश्‍यकता नहीं होगी. इरडा के इस कदम से ज्‍यादा बीमा प्रोडक्‍ट बाजार में आएंगे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Health insurance cover, Hospitals, Insurance Policy, Medical InsuranceFIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 21:16 IST