अमीर बनना है तो इन 150 जिलों में रहना शुरू करें! नंबर एक और दो हैं साउथ के

Richest District in India : देश के सबसे अमीर जिलों की बात की जाए तो इनकी संख्‍या 20 फीसदी से भी कम है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सालाना 5 लाख या उससे ज्‍यादा कमाने वाले 60 फीसदी परिवार देश के 150 जिलों में ही रहते हैं.

अमीर बनना है तो इन 150 जिलों में रहना शुरू करें! नंबर एक और दो हैं साउथ के
हाइलाइट्स देश में 5 लाख से ज्‍यादा कमाई वाले 60 फीसदी परिवार 150 जिलों में रहते हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया कि बैंगलोर और हैदराबाद टॉप 2 जिलों में शामिल हैं. यूपी और हिमाचल प्रदेश के जिलों में भी कमाई करने वालों की संख्‍या बढ़ी है. नई दिल्‍ली. कहने को तो देश में 797 जिले हैं. इसमें से 752 जिले देश के 28 राज्‍यों में जबकि 45 जिले अन्‍य 8 केंद्र शासित प्रदेशों में हैं. लेकिन, अगर पैसे कमाने वालों की बात की जाए तो 650 जिलों के लोग फिसड्डी साबित हो रहे हैं और सिर्फ 150 जिले ही ऐसे हैं, जहां 5 लाख सालाना कमाने वालों की संख्‍या 60 फीसदी से ज्‍यादा है. इस मामले में साउथ के दो जिले तो टॉप पर चल रहे हैं, जबकि यूपी के जिलों ने भी बड़ी छलांग मारी है. मैपमाइइंडिया-समर्थित आंकड़ा विश्लेषण फर्म क्लैरिटीएक्स ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है. इसमें बताया है कि पांच लाख रुपये और उससे अधिक की सालाना कमाई करने वाले अधिकतर परिवार देश के करीब 150 जिलों में ही रहते हैं. इसका मतलब है कि देश के कुल जिलों में समृद्ध जिलों की संख्‍या 20 फीसदी से भी कम है. ये भी पढ़ें – आईफोन खरीदेंगे या करोड़पति बनेंगे! फैसला आपका गणित हमारा, एकदम सॉलिड है पैसा बनाने का यह तरीका 5 लाख कमाने वाले कितने परिवार रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पांच लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले 60 प्रतिशत परिवार शीर्ष 20 प्रतिशत (लगभग 150) जिलों में मौजूद हैं और अखिल भारतीय जिला औसत से ऊपर के कुल जिलों में से दो-तिहाई पश्चिमी भारत में हैं. इनमें सबसे तेजी से बढ़ते जिलों की हिस्सेदारी भी सबसे अधिक है. रिपोर्ट में आय वितरण, स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक प्रोत्साहन, प्रति व्यक्ति शिक्षा सुविधाएं, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, बैंकिंग कवरेज जैसी वित्तीय गतिविधियों और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के आधार पर जिलों की वृद्धि को मापा गया है. 4 साल पहले से की गई तुलना रिपोर्ट में ऊपर बताए संकेतकों के इस्तेमाल से जिला संभावना सूचकांक (डीपीआई) तैयार किया जाता है. यह सूचकांक बताता है कि पिछले चार वर्षों में पूरे देश में समृद्धि 17 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है. जिलों की वृद्धि को मापने के लिए 2019 के डीपीआई स्कोर की तुलना 2023 के साथ की गई है. भारत में जिलों की संख्या 2019 के 723 से बढ़कर 788 हो गई है. कौन सा जिला है नंबर वन रिपोर्ट के मुताबिक, बैंगलोर शहरी और हैदराबाद जिले 2023 में सभी 797 जिलों में उच्चतम स्कोर के साथ शीर्ष दो स्थानों पर रहे हैं. मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में झारखंड और त्रिपुरा सबसे अधिक वृद्धि दर्शाने वाले राज्यों के रूप में उभरे हैं. वहीं, सबसे तेजी से बढ़ने वाले जिले पंजाब, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्य उत्तरी क्षेत्रों के हैं. रिपोर्ट कहती है कि स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जहां प्रति 1,000 लोगों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या 263 से बढ़कर 903 हो गई है. Tags: Business news, Income CertificateFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 18:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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