इधर हसीना ने छोड़ा बांग्‍लादेश और उधर डायन ने कर दिया हमला दहशत में लोग

Inflation in Bangladesh : करीब एक महीने के विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद अगस्‍त की शुरुआत में बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया. अब महंगाई के आंकड़े बता रहे कि यहां 12 साल में सबसे ज्‍यादा महंगाई दर पहुंच गई है.

इधर हसीना ने छोड़ा बांग्‍लादेश और उधर डायन ने कर दिया हमला दहशत में लोग
हाइलाइट्स बांग्‍लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा में 40 से ज्‍यादा की मौत हुई. देश में अस्थिरता और कारोबार ठप होने से महंगाई बढ़ गई है. बांग्‍लादेश में अभी खुदरा महंगाई दर 12 साल के शीर्ष पर है. नई दिल्‍ली. भारी राजनीकि उथल-पुथल से गुजर रहे पड़ोसी बांग्‍लादेश ने अपनी आजादी के बाद पहली बार ऐसी अस्थिरता का सामना किया. आलम ये हो गया कि उसके राष्‍ट्राध्‍यक्ष यानी प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर ही भागना पड़ा. लेकिन, आम आदमी के विरोध में हसीना के बांग्‍लादेश छोड़ते ही ‘डायन’ ने जनता पर हमला कर दिया. आलम ये हो गया है कि यहां के लोगों ने 12 साल में इतने बुरे हालात नहीं देखे थे, जो डायन ने अब दिखाया है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं महंगाई डायन की. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आए आंकड़ों ने सरकार और आम आदमी दोनों को डरा दिया है. बांग्‍लादेश में खुदरा महंगाई की दर जुलाई में 11.66 फीसदी रही, जो 12 साल में सबसे ज्‍यादा है. स्थानीय समाचारपत्र ‘द ढाका ट्रिब्यून’ ने बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई से खुदरा मुद्रास्फीति 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. इससे पहले खुदरा मुद्रास्फीति का पिछला उच्च स्तर मई में 9.94 प्रतिशत रहा था. ये भी पढ़ें – FirstCry और Unicommerce आईपीओ की धमाकेदार लिस्टिंग, पहले ही दिन गर्म कर दी जेब, शेयरों ने ऐसा रिटर्न दिया खाने-पीने की चीजों में लगी आग पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 14.10 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर रही जबकि गैर-खाद्य मुद्रास्फीति 9.68 प्रतिशत रही. इसके पहले जून के महीने में ये दोनों क्रमशः 10.42 प्रतिशत और 9.15 प्रतिशत रही थीं. जुलाई के महीने में देशव्यापी छात्र आंदोलन की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं. इस दौरान कई दिनों तक कर्फ्यू लगा और इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया था. आरक्षण मुद्दे से जल उठा देश सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रावधानों के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने बाद में शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार के इस्तीफे की मांग भी शुरू कर दी थी. अगस्त की शुरुआत में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. लेकिन, हसीना के देश के बाहर जान से समस्‍याओं में कोई कमी नहीं आई. 1 लाख करोड़ से ज्‍यादा का नुकसान विरोध प्रदर्शन और कर्फ्यू से बांग्‍लादेश को 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा का नुकसान हुआ है. दुनियाभर कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध बांग्‍लादेश को इससे बड़ा झटका लगा और यूरोप, अमेरिका में हो रहे उसके निर्यात ठप पड़ गए. हिंसा का असर आगे भी होगा, क्‍योंकि अस्थिरता से विदेशी निवेशकों के कदम भी पीछे खिंच सकते हैं, जो आगे भी महंगाई से राहत नहीं लेने देंगे. Tags: Bangladesh, Bangladesh PM Sheikh Hasina, Business newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 18:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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