खत्म होगी डॉलर की दादागिरी! भारत-रूस और चीन ने मिलकर बनाया प्लान
खत्म होगी डॉलर की दादागिरी! भारत-रूस और चीन ने मिलकर बनाया प्लान
Brics Summit 2024 : भारत, रूस और चीन ने ब्रिक्स सम्मेलन में खुले तौर पर पश्चिमी देशों को चैलेंज कर दिया है. दुनिया की इन 3 महाशक्तियों के अलावा ब्रिक्स समूह में शामिल 7 अन्य देशों ने आपसी व्यापार में स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल पर सहमति जताई. इस फैसले से अमेरिका की सबसे बड़ी मजबूती डॉलर में सेंध लगाने की तैयारी हो चुकी है.
हाइलाइट्स ब्रिक्स में शामिल देशों ने लोकल करेंसी में व्यापार पर सहमति जताई है. इससे अमेरिकी डॉलर को ग्लोबल मार्केट में बड़ी चुनौती मिलेगी. अभी ग्लोबल ट्रेड में ज्यादातर लेनदेन डॉलर में ही किया जाता है.
नई दिल्ली. रूस के कजान में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार ‘पूरब बनाम पश्चिम’ के मुद्दे को खासतौर से हवा दी गई. दुनिया की 3 बड़ी आर्थिक शक्तियां जब एक मंच पर पहुंचीं तो पूरे पश्चिम की निगाहें इसी तरफ लगी रही. सम्मले में भारत, रूस और चीन ने अमेरिका को सीधे तौर पर व्यापारिक चुनौती देने का संकेत भी दे दिया है. ब्रिक्स में शामिल देशों ने आपसी कारोबार के लिए अब डॉलर के बजाय स्थानीय मुद्रा में लेनदेन करने की बात कही है. इसका मतलब है कि भारत इन देशों से डॉलर के बजाय रुपये में लेनदेन कर सकेगा. अभी ग्लोबल ट्रेड में ज्यादातर ट्रांजेक्शन डॉलर में ही होता है.
ब्रिक्स देशों ने बुधवार को व्यापार बढ़ाने और स्थानीय मुद्राओं में वित्तीय निपटान की व्यवस्था बनाने पर सहमति जताई. साथ ही स्वतंत्र रूप से काम करने वाला सीमापार निपटान और डिपॉजिटरी बुनियादी ढांचे की व्यावहारिकता का अध्ययन करने और ब्रिक्स पुनर्बीमा कंपनी पर भी सहमति व्यक्त की. सदस्य देशों के नेताओं ने 21वीं सदी में नव विकास बैंक को एक नये प्रकार के बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के रूप में विकसित करने पर भी सहमति जताई और ब्रिक्स के नेतृत्व वाले बैंक की सदस्यता को बढ़ाने का समर्थन किया.
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क्या है ब्रिक्स के घोषणा पत्र में
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि सदस्य देश कामकाज के स्तर पर स्थिरता बनाये रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों की संभावना तलाशेंगे. ब्रिक्स नेताओं ने 21वीं सदी में मानव जीवन के सभी पहलुओं की तेज गति वाली डिजिटलीकरण प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की और विकास के लिए डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका और इस मुद्दे के समाधान के लिए ब्रिक्स के भीतर जुड़ाव को तेज करने की जरूरत बताई.
एक मंच पर तीन बड़े नेता
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग सहित ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. ब्रिक्स ने कहा, हम व्यापार बाधाओं को कम करने और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच के सिद्धांत पर तैयार तेज, कम लागत वाले, कुशल, पारदर्शी, सुरक्षित और समावेशी सीमापार भुगतान उत्पादों के व्यापक लाभ को समझते हैं. हम ब्रिक्स देशों और उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग का स्वागत करते हैं.
नया बैंकिंग नेटवर्क बनाएंगे
ब्रिक्स नेताओं ने समूह के भीतर ‘कॉरेसपॉन्डेंट बैंकिंग नेटवर्क’ को मजबूत करने और ब्रिक्स सीमापार भुगतान पहल (बीसीबीपीआई) के अनुरूप स्थानीय मुद्राओं में निपटान को सक्षम बनाने की बात कही, जो स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी है. ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे. अब पांच अतिरिक्त सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी इसमें शामिल किया गया है.
गवर्नर और वित्तमंत्री बनाएंगे रणनीति
नेताओं ने ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को स्थानीय मुद्राओं, भुगतान उत्पादों और मंचों के मुद्दे पर चर्चा जारी रखने का काम सौंपा. अपने सदस्य देशों के बुनियादी ढांचे और सतत विकास को बढ़ावा देने में नव विकास बैंक (एनडीबी) की भूमिका को पहचानते हुए ब्रिक्स नेताओं ने 2022-2026 के लिए एनडीबी की सामान्य रणनीति को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट संचालन और परिचालन को प्रभावी बनाने को लेकर सुधार का समर्थन किया.
Tags: BRICS Summit, Business news, Indian currencyFIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 09:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed