भारत की बड़ी उपब्लिध! पानी भरते नजर आए चीन-अमेरिका और यूरोप
भारत की बड़ी उपब्लिध! पानी भरते नजर आए चीन-अमेरिका और यूरोप
PMI Data : भारत दुनिया की नई दुकान बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. जून के आंकड़े बताते हैं कि जहां अमेरिका, चीन सहित यूरोपीय देशों में मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आ रही है, वहीं भारत को लगातार दुनियाभर से नए ऑर्डर मिल रहे और देश का पीएमआई सबसे ज्यादा रहा है.
हाइलाइट्स जून में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 58.3 हो गया. 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है. मजबूत वृद्धि मुख्य रूप से मांग, उच्च निर्यात और विज्ञापन के कारण हुई.
नई दिल्ली. भारत को दुनिया की नई दुकान बनाने के लिए प्रयासरत मोदी सरकार को बड़ी खुशखबरी मिली है. जून महीने में देश का मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ा देख पूरी दुनिया दंग है. अभी सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग करने वाला देश चीन भी अब पीछे जाता नजर आ रहा है. अमेरिका और यूरोपीय देश तो मुकाबले में ही नहीं दिख रहे, जबकि भारत के विनिर्माण क्षेत्र की ग्रोथ तेजी से बढ़ती जा रही है. विदेशी खरीदारों से मिले नए ठेके की वजह से मैन्युफैक्चरिंग में जबरदस्त तेजी आई है.
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) जून में तेज गति से बढ़ा है. अनुकूल मांग परिस्थितियों के बीच नए ठेके मिलने जारी रहे और इसके परिणामस्वरूप रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई. सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई. सर्वे के अनुसार, जून में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़कर 58.3 हो गया जो मई में 57.5 था. पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है.
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रोजगार के आंकड़े रिकॉर्ड पर
जून के आंकड़ों के अनुसार भारत में विनिर्माताओं की बिक्री में मजबूत वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत मांग, उच्च निर्यात और सफल विज्ञापन के कारण हुई. नए ठेके मिलने में लगातार बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप कंपनियों द्वारा भर्ती में तेजी आई. रोजगार सृजन की दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और मार्च 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे मजबूत रही. एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, कंपनियों ने 19 वर्षों में सबसे तेज गति से अपनी नियुक्तियां बढ़ाईं. जून में कच्चे माल की खरीद भी बढ़ी.
किन देशों से मिला ऑर्डर
भारत के मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर में सबसे ज्यादा एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप और अमेरिका से मांग आई है. इसका मतलब हुआ कि भारत दुनिया की नई दुकान बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. यह आंकड़ा देश की 400 कंपनियों पर किए गए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है.
कहां खड़े हैं अमेरिका-चीन
भारत के मुकाबले अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जून में 51.70 रहा, जो मई में 51.30 था. यूरोपीय देशों का पीएमआई भी जून में काफी पीछे रहा गया है. यूरो क्षेत्र का औसत पीएमआई जून में 45.60 रहा, जो मई के 47.30 से काफी नीचे आ गया है. अगर चीन की बात करें तो वहां के नेशनल ब्यूरो स्टैटिसटिक्स के अनुसार, जून में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 49.5 रहा है, जिसका मतलब हुआ कि चीन में उत्पादन की दर घट रही है.
Tags: Business news, Job opportunity, Manufacturing sectorFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed