तेजी से बढ़ रहा भारत का एक और बाजार 26 लाख करोड़ पहुंच सकता है बिजनेस

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की तेजी गति का फायदा सभी सेक्‍टर्स को मिल रहा है. देश का शिक्षा और स्किल बाजार भी इसका फायदा उठाने को पूरी तरह तैयार है. हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश का शिक्षा और स्किल बाजार 2030 तक बढ़कर 26 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है.

तेजी से बढ़ रहा भारत का एक और बाजार 26 लाख करोड़ पहुंच सकता है बिजनेस
हाइलाइट्स भारत का शिक्षा और स्किल बाजार साल 2030 तक 313 अरब डॉलर का होगा. यह साल 2020 तक महज 180 अरब डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपये) का था. 10 साल के भीतर देश का शिक्षा एवं स्किल बाजार करीब दोगुना बढ़ सकता है. नई दिल्‍ली. भारतीय शेयर बाजार हो या सराफा बाजार बीते कुछ साल में हर तरफ जबरदस्‍त तेजी दिख रही है. भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की तेज विकास दर इसके ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभा रही है. इसी तरह एक और बाजार है जो तेजी से ग्रोथ कर रहा है और महज 10 साल के भीतर इसके दोगुना हो जाने का अनुमान है. भारत में शिक्षा और स्किल का बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है. कैंब्रिज एजुकेशन लैब (सीईएल) ने अनुमान लगाया है कि भारत का शिक्षा और स्किल बाजार साल 2030 तक 313 अरब डॉलर (करीब 26 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है. यह साल 2020 तक महज 180 अरब डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपये) का था. इसका मतलब हुआ कि महज 10 साल के भीतर देश का शिक्षा एवं स्किल बाजार करीब दोगुना बढ़ सकता है. ये भी पढ़ें – चुनावी नतीजों ने फूंक दिए 43 लाख करोड़, रुझान देखते ही सरपट भागे निवेशक, इतिहास का सबसे बड़ा नुकसान तेज विकास का फायदा उठाएं सीईएल के संस्थापक सुयश भट्ट ने कहा, हमारी संस्‍था ने भारत के साथ यूके, फिनलैंड, इंडोनेशिया और एस्टोनिया में कई शिक्षा सम्मेलन आयोजित किए हैं और अब स्कूल लीडरों, शिक्षकों और छात्रों के लिए कई किफायती शिक्षा कार्यक्रम विकसित करने पर विचार कर रहा है. सीईएल प्रोग्राम ने जम्मू और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक भारत के कई राज्यों के 60 से अधिक स्कूलों और 1,00,000 से अधिक छात्रों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है. दुनियाभर के निवेशक भारत में शिक्षा के इन्‍फ्रा में पैसे लगाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपनी शिक्षा प्रणाली बदलनी होगी. मजबूत करना होगा बुनियादी ढांचा भारतीय शिक्षा एवं स्किल बाजार को ग्‍लोबल लेवल पर मुकाबले के लिए और विदेशी निवेश लाने के लिए बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाना होगा. इसमें कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब भी अपना योगदान दे रहा है. इस संस्‍था ने देश के टीयर 2 और टीयर 3 शहरों को भी ग्‍लोबल लेवल पर जोड़ने का काम शुरू किया है. इसके लिए टियर 2 और टियर 3 शहरों के छात्रों के लिए स्‍कॉलरशिप प्रोग्राम चलाए जा रहे. इसे जीतने वाले छात्रों को कैम्ब्रिज विश्‍वविद्यालय में एक सप्‍ताह का ट्रिप कराया जाएगा. भारत को ग्‍लोबल लेवल पर ले जाना मकसद भट्ट ने कहा, हमने पिछले साल भारत के 25-30 स्कूलों को इन विश्वविद्यालयों में आमंत्रित किया था और 30 स्कूल ऑनलाइन जुड़े थे. इन स्‍कूलों के मालिकों ने वहां की शिक्षा व्यवस्था देखी और वे इस व्यवस्था को यहां पर लागू करना चाहते हैं. साथ ही ग्‍लोबल निवेशक भी भारतीय शिक्षा बाजार में पैसे लगाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. Tags: Business news, Education system, India growth, Indian economyFIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 17:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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