एयरपोर्ट पहुंचा पूर्णिया का युवक अफसर को दिया हिंदी में जवाब हुआ अरेस्‍ट

इमीग्रेशन ब्‍यूरो की जांच के दौरान अफसर ने प्रक्रिया के तहत कुछ सवाल पूर्णिया से आए इस शख्‍स से पूछे. लेकिन जैसे ही इस शख्‍स ने अपने सवाल हिंदी में देना शुरू किया, इमीग्रेशन अधिकारी का माथा ठनक गया. इसके बाद, इस शख्‍स को हिरासत में पूछताछ का क्रम शुरू हुआ. इसके बाद की कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे... 

एयरपोर्ट पहुंचा पूर्णिया का युवक अफसर को दिया हिंदी में जवाब हुआ अरेस्‍ट
Airport News: दुबई जाने के इरादे से एयरपोर्ट पहुंचे पूर्णिया (बिहार) के एक शख्‍स को हिंदी में जवाब देना भारी पड़ गया. दरअसल, इस शख्‍स ने जैसे ही इमीग्रेशन अफसर के सवालों का जवाब हिंदी में दिया, इस शख्‍स को पहले पूछताछ के नाम पर हिरासत में लिया गया और बाद में एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने इमीग्रेशन ब्‍यूरो की शिकायत में आधार पर एफआईआर दर्ज कर इस शख्‍स को गिरफ्तार कर लिया है.  अब आप यहां पर थोड़ा ठहर जाइए. यह मामला वैसा बिल्‍कुल भी नहीं है, जैसा कि आप सोच रहे हैं. यह मामला हिंदी भाषा से जुड़ा जरूर है, लेकिन थोड़ा अलग है. चल‍िए अब आपको बताते हैं, क्‍या है यह पूरा मामला और क्‍यूं हिंदी बोलने की वजह हुई पूर्णिया के इस शख्‍स की गिरफ्तारी? दरअसल, 20 मई को मोहम्‍मद राणा नामक एक शख्‍स इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-1483 से दुबई जाने के लिए राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचता है.  हैदराबाद के आरजीआई एयरपोर्ट पर चेक-इन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मोहम्‍मद राणा इमीग्रेशन जांच के लिए पहुंच गया. जांच के दौरान, इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारी पाते हैं कि इसके पासपोर्ट पर बिहार के पूर्णिया जिले के अंतर्गत आने वाले बेगमपुर खाता का पता दर्ज है. रूटीन प्रोसीजर के तहत, पूछे गए कुछ सामान्‍य से सवालों का जवाब मोहम्‍मद राणा ने जैसे ही हिंदी में दिया, इमीग्रेशन अफसर का माथा ठनक गया.  यह भी पढ़ें: इस शहर से गायब हो रही हैं लोगों की बीवियां और…, थाने में दर्ज हुईं एक-एक कर 14 FIR, जानें क्या है पूरा मामला… इस शहर के सिर्फ एक पुलिस स्‍टेशन में 23 दिनों के भीतर गुमशुदगी के 14 मामले दर्ज किए गए हैं. यानी औसतन हर डेढ़ दिन में गुमशुदगी का एक मामला दर्ज हुआ है. किस शहर के किस थानाक्षेत्र से गायब हो रही हैं लोगों की बीवियां, जानने के लिए क्लिक करें. हिंदी बोलने की वजह से क्‍यों हुई गिरफ्तारी? दरअसल, हिंदी में जवाब देते वक्‍त मोहम्‍मद राणा का फ्लो बहुत अच्‍छा नहीं था. साथ ही, वह हिंदी के सामान्‍य शब्‍दों का उच्‍चारण भी सही तरीके से नहीं कर पा रहा था. ऐसे में इमीग्रेशन अधिकारी का माथा यह सोच कर ठनका कि बिहार के पूर्णिया में रहने वाले इस शख्‍स को हिंदी बोलने में इतनी दिक्‍कत क्‍यूं हो रही है. शक होने पर इमीग्रेशन अफसर ने उसकी पैदाइश और स्‍थानीय इलाके से जुड़े कुछ सवाल किए, जिसका जवाब में वह पूरी तरह से विफल रहा. इमीग्रेशन अफसर का शक अब पुख्‍ता हो चला था, लिहाजा इस शख्‍स को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई.   यह भी पढ़ें: 11 सालों से दे रही थी झटके पर झटका, पुलिस से लेकर CBI तक सबका छुड़ाया पसीना, अब जाकर हत्‍थे चढ़ी ‘सुपर खिलाड़न’… दिल्‍ली की यह ‘सुपर खिलाड़न’ अपने पति के साथ मिलकर पिछले 11 सालों से झटके पर झटका दे रहीं थी. इन दोनों की तलाश सीबीआई के साथ दिल्‍ली, हरियाणा और राजस्‍थान की पुलिस भी कर रही थी. करीब 25 महीने पहले दिल्‍ली के तिमारपुर थाने में इनके खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था. यह केस इनके जुर्म के ताबूत में आखिरी कील कैसे साबित हुआ. जानने के लिए क्लिक करें. पूछताछ में राणा ने किया यह बड़ा खुलासा हैदराबाद एयरपोर्ट की सुरंक्षा से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए इस शख्‍स ने ऐसा खुलासा किया, जिसे सुन कर सभी स्‍तब्‍ध रह गए. दरअसल, यह शख्‍स बिहार के पूर्णिया का नहीं, बल्कि बांग्‍लादेश के चपैनवाबगंज का मोहम्‍मद राणा है. इसके कब्‍जे से एक नागरिकता पहचान पत्र भी बरामद किया गया, जिसमें बाग्‍लांदेश का पता दर्ज था. इस खुलासे के बाद आरोपी मोहम्‍मद राणा को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया.  यह भी पढ़ें: उठा था कमर के नीचे का हिस्‍सा, कदम बढ़ाना भी था मुश्किल, फिर मलाशय से निकली ऐसी चीज, जानकर रह जाएंगे दंग… उठी हुई कमर और मुश्किल से बढ़ते कदम को देखकर कस्‍टम प्रिवेंटिव की टीम को यह समझते देर नहीं लगी कि दोनों के साथ क्‍या गड़बड़ है, लिहाजा दोनों मुसाफिरों को हिरासत में लेकर पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ. पूछताछ में जो खुलासा हुआ, उसे जानकार हर कोई दंग रह गया. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें. घुसपैठ कर आया भारत और फिर… पूछताछ के दौरान, आरोपी मोहम्‍मद राणा ने बताया कि वह कुछ महीनों पहले घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुआ था. भारत में कुछ एजेंट्स की मदद से उसने बिहार के पूर्णिया का जन्‍म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड हासिल किया. फिर इन्‍हीं भारतीय दस्‍तावेजों की मदद से उसे भारत का पासपोर्ट भी मिल गया. एजेंट्स की मदद से उसने दुबई का वीजा हासिल कर लिया. वह अपने मंसूबे में पूरी तरह सफल होता, इससे पहले इमीग्रेशन की गिरफ्त में फंस गया. Tags: Airport Diaries, Airport Security, Hyderabad News, Hyderabad policeFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 07:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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