फ्लाइट की होनी थी लैंडिंग रन-वे पर दौड़ती दिखीं फायर ब्रिगेड-एंबुलेंस फिर
फ्लाइट की होनी थी लैंडिंग रन-वे पर दौड़ती दिखीं फायर ब्रिगेड-एंबुलेंस फिर
जैसे ही विमान रन-वे के करीब पहुंचा, विंडो सीट पर बैठे यात्रियों की आंखों में कुछ सवाल तैरने लगे. वहीं, जब इस विमान ने लैंड होने की जगह एक बार फिर हवा में उड़ान भर दी, तो यात्रियों के मन के यह सवाल एक अनजाने डर में तब्दील हो गए. आखिर क्या हुआ मुंबई से दिल्ली आ रही फ्लाइट में, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Airport News: एयर टर्बुलेंस में फंसे सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट SQ-321 से जुड़ी खबर बीते दिनों आपने पढ़ी होगी. लंदन से सिंगापुर जा रहे इस एयरक्राफ्ट में सवार 73 वर्षीय एक बुजुर्ग यात्री की मौत हो गई थी और 70 से अधिक यात्रियों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. आज हम आपको मुंबई से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई एक फ्लाइट से जुड़ी ऐसी घटना बताने जा रहे हैं, जिसमें कुछ इसी तरह 125 यात्रियों की जान पर बन आई थी.
मुंबई एयरपोर्ट से दिल्ली जाने वाली गो एयरवेज की फ्लाइट G8-456 की बोर्डिंग पूरी हो चुकी थी. एयरक्राफ्ट में चालक दल सदस्यों के अलावा करीब 125 यात्री सवार थे. दोपहर करीब 2:25 बजे यह एयरक्राफ्ट अपने निर्धारित समय पर मुंबई एयरपोर्ट से उड़ान भर गया. करीब पौने दो घंटे की उड़ान के बाद पायलट ने कुछ ही देर में दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग की जानकारी दी और एयरक्राफ्ट में सवार सभी यात्री लैंडिंग का इंतजार करने लगे.
लेकिन, जैसे ही एयरक्राफ्ट ने रन-वे की तरफ बढ़ना शुरू किया, विंडो सीट पर बैठे यात्रियों की आंखों में तरह-तरह के सवाल तैरने लगे. दरअसल, विंडो सीट पर बैठे यात्रियों ने देखा कि रन-वे के करीब फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, फॉलो-मी विहिकल सहित तमाम आपातकालीन वाहनों की लंबी कतार लगी थी. एयरक्राफ्ट जैसे ही रन-वे के बिल्कुल करीब पहुंचा, इन वाहनों ने एयरक्राफ्ट के साथ-साथ दौड़ना शुरू कर दिया.
यह देख यात्रियों के दिमाग में चल रहे सवालों ने अब डर का रूप ले लिया था. यह डर उस वक्त खौफ में तब्दील हो गया, जब एयरक्राफ्ट ने लैंड करने की बजाय एक बार फिर हवा में उड़ान भर दी. एयरक्राफ्ट एक बार फिर ऊंचे आसमान में पहुंच चुका था. यह भी पढ़े: एयर टर्बुलेंस, ‘बिन जल मछली’ सी फड़फड़ाती है फ्लाइट, पायलट के पास क्या होते हैं ऑप्शन, कितना संभव बचना, जानें … एयर टर्बुलेंस में फंसने के बाद सिंगापुर से दुबई जा रही फ्लाइट में एक बुजुर्ग यात्री की मौत हो गई और 70 यात्री जख्मी हो गए. इस घटना के बाद हम सब के मन में इस घटना को लेकर कई सवाल है. सीनियर कमांडर से एयर टर्बुलेंस की सिचुएशन और इससे बचने के तरीके समझने के लिए क्लिक करें.
केबिन क्रू की आंखों से भी बहने लगे आंसू
इसी बीच, पायलट ने एक बार फिर पीए सिस्टम से यात्रियों को संबोधित करना शुरू किया. पायलट ने यात्रियों को बताया कि यह एक आपातकालीन स्थित है. टेक्निकल ग्राउंड स्टाफ ने एटीसी को यह कंफर्म किया है कि एयरक्राफ्ट के नोज पर लगे दो में से एक ह्वील मिसिंग है. हम कुछ ही समय में दिल्ली एयरपोर्ट पर फुल इमरजेंसी लैंडिंग करने जा रहे हैं. पायलट की इस उद्घोषणा के बाद एयरक्राफ्ट में पूरी तरह से सन्नाटा फैल गया.
अब एयरक्राफ्ट में बैठे हर यात्री के हाथ जुड़ चुके थे और आंखों में आंसू तैरना शुरू हो गए थे. हर कोई अपने अपने ईश्वर से सकुशल लैंडिंग की प्रार्थना कर रहा था. वहीं, अब तक यात्रियों का ढांढस बंधा रही केबिन क्रू का भी खुद पर से काबू खत्म हो चला था. अब उनके आंखों से भी आंसुओं की धार बहना शुरू हो चुकी थी. इसी बीच, पायलट की आवाज एक बार फिर फ्लाइट में गूंजना शुरू हो गई. यह भी पढ़ें: छोटा रनवे और बाहर 43 डिग्री तापमान, पायलट ने टेकऑफ़ करने से साफ़ कर दिया इनकार, जानिए क्या है कनेक्शन… छोटे रनवे और बढ़ते तापमान की वजह से इंडिगो की फ्लाइट टेकऑफ नहीं कर पाई. छोटे रन-वे और 43 डिग्री तापमान के चलते पायलट ने एयरक्राफ्ट टेकऑफ करने से साफ इंकार कर दिया. एयरक्राफ्ट के टेकऑफ और तापमान के बीच क्या है कनेक्शन, जानने के लिए क्लिक करें.
आसमान में दहशत के वे 45 मिनट…
पायलट ने सभी यात्रियों को सकुशल लैंडिंग का भरोसा दिलाते हुए कुछ निर्देश दिए और केबिन क्रू ने एयरक्राफ्ट के अगले हिस्से में बैठे यात्रियों को पीछे की तरफ शिफ्ट करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते, एयरक्राफ्ट का अगला हिस्सा पूरी तरह से खाली हो गया था और आगे बैठे सभी यात्रियों को एयरक्राफ्ट के पिछले हिस्से में खाली सीटों में शिफ्ट कर दिया गया था. अब केबिन क्रू और मुसाफिर अपने कांपते शरीर और आंखों से बरसते आंसुओं के साथ सकुशल लैंडिंग की प्रार्थना कर रहे थे.
करीब 45 मिनट हवा में रहने के बाद यह एयरक्राफ्ट एक बार फिर रन-वे की तरफ बढ़ चला. अब तक एयरसाइट पर फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, फालो-मी विहिकिल, सीआईएसएफ की क्विक रिएक्शन टीम सहित तमाम आपातकालीन वाहनों का तांता लग चुका था. एयरक्राफ्ट जैसे-जैसे रन-वे के करीब आ रहा था, यात्रियों का खौफ बढ़ता जा रहा था. जिन यात्रियों के आंखों से आंसू बह रहे थे, अब वह फूट फूट कर रो रहे थे. यह भी पढ़े: अजीब थीं T-3 के बाहर खड़े इन लोगों की हरकतें, फोन पर बार-बार कर रहे थे बात, IGIA के ‘विभीषण’ संग 4 हुए गिरफ्तार… आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के बाहर खड़े इन चारों लोग बार-बार लगातार फोन पर बात कर रहे थे. हर फोन कॉल के साथ चेहरे के बदल रहे भाव ने इस सबको संदेह के घेरे में ला खड़ा किया. पूछताछ के बाद, इन लोगों ने जो खुलासा किया, उसे जानकार हर कोई स्तब्ध रह गया. पूछताछ में इन लोगों क्या बताया, जानने के लिए क्लिक करें.
जब एयक्राफ्ट ने छुआ रनवे और फिर…
रन-वे को बिल्कुल करीब देख एयरक्राफ्ट में बैठे हर यात्रियों की आंखें बंद हो चुकी थीं. तभी तेज झटके के साथ एयरक्राफ्ट के पिछले टायर रन-वे से छू गए. तेज रफ्तार से कुछ दूर भागने के बाद यात्रियों को एक झटका फिर लगा और कुछ ही पलों में एयरक्राफ्ट रुक गया. एयरक्राफ्ट के रुकते ही सभी इमरजेंसी गेट खुल गए. सभी यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित एयरक्राफ्ट से बाहर निकाल लिया गया.
एयरक्राफ्ट के लैंड होने के बाद जब यात्रियों को पूरी कहानी पता चली, तो उनका शरीर एक बार फिर ऊपर से नीचे तक कांप गया. हालांकि अब हर कोई अपने भगवान को इसी बात का धन्यवाद कर रहा था कि इतना कुछ होने के बावजूद वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं. यह भी पढ़ें: बिहार से दुबई जाने को Airport पहुंचा युवक, जैसे ही इमीग्रेशन अफसर को हिंदी में दिया जवाब, हो गया अरेस्ट… इमीग्रेशन ब्यूरो की जांच के दौरान अफसर ने प्रक्रिया के तहत कुछ सवाल पूर्णिया से आए इस शख्स से पूछे. लेकिन जैसे ही इस शख्स ने अपने सवाल हिंदी में देना शुरू किया, इमीग्रेशन अधिकारी का माथा ठनक गया. इसके बाद, इस शख्स को हिरासत में पूछताछ का क्रम शुरू हुआ. इसके बाद की कहानी जानने के लिए क्लिक करें.
कैसे पता चला इस विमान का टूटा है ह्वील
एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के बाद जब एयरपोर्ट के अधिकारियों से बात हुई तो यह पता चला कि मुंबई एयरपोर्ट से टेकऑफ करने के बाद निरीक्षण पर निकली ग्राउंड स्टाफ टीम को रन-वे पर एयरक्राफ्ट का टूटा हुआ नोज ह्वील मिला था. चूंकि, नोज ह्वील मिलने से ठीक पहले गो एयरवेज की दिल्ली जाने वाली यह फ्लाइट रवाना हुई थी. लिहाजा, मुंबई एटीसी ने तत्काल इस बाबत एयरक्राफ्ट के पायलट और दिल्ली एटीसी को यह जानकारी दी.
दिल्ली आने के बाद एयरक्राफ्ट के लो फ्लाइंग पास का निर्णय लिया गया. लो फ्लाइंग पास के दौरान, एटीसी और टेक्निकल स्टाफ ने दूरबीन से फ्लाइट का निरीक्षण किया और पाया कि नोज ह्वीज इसी फ्लाइट का टूटा हुआ है. जिसके बाद, पायलट को इमरजेंसी प्रोसीजर को फॉलो करते हुए एयरक्राफ्ट के फ्यूल को बर्न करने का निर्देश दिया गया. इस बीच, रनवे पर भी सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं. यह भी पढ़ें: इस शहर से गायब हो रही हैं लोगों की बीवियां और…, थाने में दर्ज हुईं एक-एक कर 14 FIR, जानें क्या है पूरा मामला… इस शहर के सिर्फ एक पुलिस स्टेशन में 23 दिनों के भीतर गुमशुदगी के 14 मामले दर्ज किए गए हैं. यानी औसतन हर डेढ़ दिन में गुमशुदगी का एक मामला दर्ज हुआ है. किस शहर के किस थानाक्षेत्र से गायब हो रही हैं लोगों की बीवियां, जानने के लिए क्लिक करें.
और आखिरकार सुरक्षित लैंड हो गई फ्लाइट
करीब 45 मिनट के लंबे इंतजार के बाद पायलट हुनर और सूझबूझ के चलते न केवल एयरक्राफ्ट को सुरक्षित लैंड करा लिया गया, बल्कि 125 यात्रियों और केबिन क्रू के सभी सदस्यों की जान बचा ली गई. करीब 16 साल बाद जब भी इस फ्लाइट की याद जहन में आती है, शरीर एक बार फिर ऊपर से नीचे तक कांप जाता है.
Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, CISF, Delhi airport, IGI airportFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 07:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed