बाजारों में अरबी की डिमांड इस सब्जी की खेती से किसान हो सकते हैं मालामाल
बाजारों में अरबी की डिमांड इस सब्जी की खेती से किसान हो सकते हैं मालामाल
Taro Farming:अरबी की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. इसके बाद खेत समतल कर उसमें थोड़ी-थोड़ी दूर पर अरबी की बुवाई की जाती है. वहीं 10 से 12 दिन में पौधा निकल आता है. तब इसकी सिंचाई और खाद का छिड़काव करते हैं.
बाराबंकी /संजय यादव: जिले के किसान अब आधुनिक खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. क्योंकि, नई-नई तकनीक अपनाकर सब्जियां, फल फूल की अच्छी पैदावार की जा रही है. लेकिन, एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती के लिए न तो ज्यादा पानी की जरूरत है. और न ही किसी खास तरीके की. पारंपरिक तरीके से भी इसकी खेती करके किसान आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं. लेकिन, इसकी खेती बहुत कम ही किसान करते हैं. इस वजह से इसकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है. हम बात कर रहे हैं अरबी की, जिसे घुइयां भी कहा जाता है. इसकी खेती कम होने के कारण बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा मिलती है. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है.
जिले के किसान अरबी की खेती कई वर्षों से कर रहे हैं, जिससे वह लाखों रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, बाराबंकी जिले के जैतपुर कस्बे के रहने वाले युवा किसान सत्येंद्र वर्मा 4 साल पहले दो बीघे में अरबी की खेती की शुरुआत की.इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज वह करीब एक एकड़ में अरबी की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से ढाई लाख रुपये प्रतिवर्ष मुनाफा हो रहा है.
एक बीघे में 20 हजार तक आती है लागत
अरबी की खेती करने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि करीब 4 से 5 सालों से वह अरबी की खेती कर रहे हैं. पर पहले इतना मुनाफा नहीं हो पाता, जितना आज के समय में इस खेती से हो रहा है. इस समय करीब हम एक एकड़ में अरबी की खेती कर रहे हैं. इसमें लागत करीब एक बीघे में 15 से 20 हजार रुपये आती है. और मुनाफा करीब एक फसल पर दो से ढाई लाख रुपये तक हो जाता है. क्योंकि इसमें बीज खाद जुताई वह लेबर आदि का खर्च लगता है. बाकी, इसमें ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है.
12 दिन में निकल जाता है पौधा
अरबी की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. इसके बाद खेत समतल कर उसमें थोड़ी-थोड़ी दूर पर अरबी की बुवाई की जाती है. वहीं 10 से 12 दिन में पौधा निकल आता है. तब इसकी सिंचाई और खाद का छिड़काव करते हैं. इससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है. फिर फसल आना शुरू हो जाती है, जो महज 10 से 11 महीने के बाद इसकी खुदाई करके इसे बाजार में बेचा जा सकता है.
Tags: Agriculture, Barabanki latest news, Kisan, Local18FIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 16:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed