धान- गेहूं छोड़ किसान करें यह खेती छप्परफाड़ होगी कमाई खेत से ही बिक जाएगी फसल

आपको बता दें कि आंवले की खेती वैसे तो अमेठी जिले में कुछ ही किसान कर रहे हैं, लेकिन अमेठी जिले के अमेठी तहसील मुसाफिरखाना तहसील, तिलोई तहसील के साथ गौरीगंज तहसील के जो भी किसान इस खेती को कर रहे हैं, वह खेती में बंपर मुनाफा कमा रहे हैं .

धान- गेहूं छोड़ किसान करें यह खेती छप्परफाड़ होगी कमाई खेत से ही बिक जाएगी फसल
आदित्य कृष्ण /अमेठी : धान गेहूं की अपेक्षा औद्यानिक फसलों में किसानों को अधिक फायदा हो रहा है. ऐसे में आंवले की खेती किसानों के लिए बड़ा मुनाफा देने वाली खेती हो सकती है. यदि आप आंवले की खेती करना चाहते हैं, तो आपको इस खेती में धान गेहूं की अपेक्षा 2 से 3 गुना फायदा हो सकता है. क्योंकि आंवले की  खेती के साथ इसके बने प्रोडक्ट सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं और वह अच्छे दामों में बिक जाते हैं, जिससे किसानों को फायदा होता है. बाजार में आंवले की काफी डिमांड है. इन बातों का रखें ध्यान, होगा फायदा आपको बता दें कि हर फसल और खेती में सहयोग करने वाला उद्यान विभाग किसानों को आंवले की खेती में भी सहयोग करता है. यदि किसान खेती करना चाहते हैं, तो उद्यान विभाग से संपर्क कर इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं. किसानों को आंवले की खेती में अधिक फायदा होगा. इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान किसानों को रखना होगा. आंवले की खेती के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर का होता है. आंवले की खेती में किसानों को जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए. इसके साथ ही 1 मीटर का गोलाकार गड्ढा बनाने और उसमें खाद प्रयोग करने से पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है. एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी कम से कम 10 मीटर रखनी चाहिए. जिससे फसल खराब होने का डर नहीं रहता और आंवले की फसल बेहतर तरीके से तैयार होती है. विभाग के एक्सपर्ट की मानें तो बरसात के मौसम में आंवले के पौधे लगाने से उनकी वृद्धि तेज़ी से होती है और सिंचाई का खर्च कम आता है. किसान कमा रहे बंपर मुनाफा  आपको बता दें कि आंवले की खेती वैसे तो अमेठी जिले में कुछ ही किसान कर रहे हैं, लेकिन अमेठी जिले के अमेठी तहसील मुसाफिरखाना तहसील, तिलोई तहसील के साथ गौरीगंज तहसील के जो भी किसान इस खेती को कर रहे हैं, वह खेती में बंपर मुनाफा कमा रहे हैं . वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि किसान यदि आंवले की खेती करना चाहते हैं तो वह अपनी डिमांड उद्यान विभाग को दे दें. इसके बाद उन्हें शासन से बजट आवंटित कराकर उन्हें जो भी अनुदान की प्रक्रिया है उससे लाभान्वित किया जाएगा. वर्तमान समय में जो भी किसान खेती कर रहे हैं, उन्हें खेती में फायदा हो रहा है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 09:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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