रोज गुजरते हैं बारापुला रोड से पर 99 फीसदी को नहीं पता होगा क्‍यों है यह नाम

आप रोजाना बारापुला एलेवेटेड से गुजरते हैं, पर क्‍या आपको पता है कि इसका नाम बारापुला क्‍यों पड़ा है? 99 फीसदी लोगों को नहीं पता होगा. आइए जाने-

रोज गुजरते हैं बारापुला रोड से पर 99 फीसदी को नहीं पता होगा क्‍यों है यह नाम
नई दिल्‍ली. पूर्वी दिल्‍ली, गाजियाबाद और नोएडा से रोजाना हजारों वाहन चालक दक्षिणी दिल्‍ली जाने के लिए बारापुला एलेवेटेड रोड का इस्‍तेमाल करते हैं, जो नॉन स्‍टाप है, बीच में कहीं भी रेड लाइन नहीं है. यानी सराय काले खां से चढ़े और सीधा एम्‍स के पास उतरते हैं. पर आपने कभी सोचा है कि इसका नाम बारापुला क्‍यों पड़ा ? 99 फीसदी लोगों को नहीं पता होगा. आइए जानें- बारापुला एलेवेटेड रोड सराय कॉले खां से एम्‍स तक कुल लंबाई 6 किमी. है. इसमें बीच में लाजपत नगर और लोधी रोड की ओर जाने वाले वाहन चालकों के लिए उतरने और चढ़ने के लिए स्लिप रोड बनी हैं. हालांकि इसके एक्‍सटेंशन पर भी काम चल रहा है. इसके तैयार होने के बाद मयूर विहार फेस दो से सीधा एम्‍स पहुंचा जा सकेगा. पूर्वी दिल्‍ली को दक्षिणी दिल्‍ली से जोड़ने के लिए यह रोड बनाई गयी है. दिल्ली में है 400 पुराना पुल, जिसके ऊपर है एलेवेटेडर रोड, हर रोज गुजरते हैं आप पर नहीं जानते यह सच इस वजह से बारापुला नाम पड़ा 400 साल पुराने बने बारापुला पुल 12 पियर पर बने आर्च के ऊपर बना है. उस समय यह पुल लोगों को दूर से दिखे, इसके लिए दो-दो मीटर ऊंचे पुल के दोनों ओर 12-12 मीटर की मीनार बनी हैं. 12 पियर और 12-12 मीनार बनने की वजह से इसका नाम बारापुला रखा गया है. इस पुल की लंबाई 195 मीटर और चौड़ाई 14 मीटर है. पूरा पुल पत्थरों से बना है. इस वजह से हुआ बारापुला का निर्माण इतिहासकारों के अनुसार पुल का निर्माण मुगल बादशाह जहांगीर के कार्यकाल 1612 से 13 के बीच किया गया है, जबकि एसआई की किताब के अनुसार 1621-22 के मध्‍य इसका निर्माण हुआ है. बादशाह ने इस पुल का निर्माण हुमायूं का मकबरा और निजामुद्दीन दरगाह और आगरा की ओर जाने आने के लिए कराया था. Tags: New DelhiFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 09:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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