किसान इस तरीके से करें गुलाब की खेती बंपर होगी पैदावार खूब कमाएंगे मुनाफा
किसान इस तरीके से करें गुलाब की खेती बंपर होगी पैदावार खूब कमाएंगे मुनाफा
कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी बताते हैं कि गुलाब के पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलना जरूरी होता है.
सौरभ वर्मा/रायबरेली: बदलते दौर के साथ लोग धान, गेहूं की फसल छोड़ बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे वह कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. बागवानी की खेती में किसान सब्जियों के साथ ही फूलों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. जिसमें किसान गुलाब के फूलों की खेती बड़े स्तर पर कर रहे हैं. क्योंकि इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है. इसके लिए आप ग्रीनहाउस या पाली हाउस बनाकर गुलाब की खेती कर सकते हैं. क्योंकि बाजार में गुलाब के फूलों की मांग अधिक रहती है.
कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी दिलीप कुमार सोनी बताते हैं कि गुलाब के पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलना जरूरी होता है. इसीलिए किसान समय-समय पर अपने खेतों का मृदा परीक्षण भी करते रहें. गुलाब के फूलों को पूजा पाठ से लेकर शादी समारोह के साथ ही सौंदर्य उत्पाद बनाने में भी प्रयोग में लाया जाता है. जिसके कारण यह बेहद मुनाफे वाली खेती है, जो अन्य फसलों की तुलना में किसानों को अधिक लाभ पहुंचाती है.
अधिक पैदावार के लिए करें यह उपाय
पौधों की ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन जरूरी होती है. क्योंकि इसकी कमी होने पर पत्तियां हल्की हरी हो जाती हैं. गुलाब का पौधा नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में अवशोषित करता है एवं जड़ों की विकास के लिए फास्फोरस जरूरी होता है.
इस विधि से पौधों को दें पोषक तत्व
लोकल 18 से बात करते हुए वह बताते हैं कि गुलाब के पौधे से अधिक पैदावार लेने एवं रोगों से बचाने के लिए किसान पोटाश, मैग्नीशियम, मैंगनीज, बोरान, सल्फर सहित अन्य पोषक तत्वों का घोल बनाकर प्रतिदिन ड्रिप सिंचाई के माध्यम से देना चाहिए. साथ ही वह बताते हैं कि सामान्यतः गुलाब के पौधे के लिए फास्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन का 200 पीपीएम का घोल अधिक फायदेमंद माना गया है. वहीं मिट्टी के पीएच मान में वृद्धि के लिए वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करना चाहिए.
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Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 11:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed