उड़द की खेती को कीट और रोगों से बचाने के लिए किसान अपनाएं ये उपाय

जिला कृषि रक्षा ईकाई अधिकारी डॉ हरिओम मिश्रा बताते हैं कि समय-समय पर किसानों की फसल को अलग-अलग रोगों से बचाने के लिए उनकी फसल को उपजाऊ बनाने के लिए तरह-तरह के टिप्स दिए जाते हैं.

उड़द की खेती को कीट और रोगों से बचाने के लिए किसान अपनाएं ये उपाय
 आदित्य कृष्ण/ अमेठी: खेती किसानी में किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है. जिससे उन्हें खेती किसानी में फायदा हो सके और उनकी फसल रोग रहित रह सके. ऐसे में वर्तमान समय में किसानों को उड़द की खेती को रोग रहित बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही उन्हें फायदा हो सके उसके लिए समय-समय पर टिप्स दिए जा रहे हैं. इन रोगों की रहती है संभावना उड़द की खेती में अक्सर प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग के लगने की संभावनाएं होती है. इससे ऊपरी तथा निचले पंखों पर काले रंग के धब्बे होते हैं और फसल खराब होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है. इसके अलावा उड़द की खेती में सफेद मक्खी रोग ज्यादा लगता है. यह कीट आकार में छोटा होता है. इससे फसल खराब होने की संभावनाएं रहती है. इसके अलावा फसल में झुलसा रोग लग जाता है. इन सब रोगों को लगने से बचाने के लिए आवश्यक दवाओं का छिड़काव किया जाता है. जिससे किसानों को नुकसान ना हो और उनकी फसल रोग रहित रह सके. इन दवाओं का करें छिडकाव फसल को रोग रहित करने और रोग से बचाने के लिए पलूक्लोरेलिन 45 मेटोलाक्लोर 50 ईसी क्लोरीम्यूरान 25 के साथ इमैजाथापर 10 ईसी 750- से 1000 मिली लीटर दवा का छिड़काव करना चाहिए की फसल रोग रहित होती है.इसके साथ ही गोबर की खाद का प्रयोग भी किसानों के लिए सर्वोत्तम माना गया है. जिला कृषि रक्षा ईकाई अधिकारी डॉ हरिओम मिश्रा बताते हैं कि समय-समय पर किसानों की फसल को अलग-अलग रोगों से बचाने के लिए उनकी फसल को उपजाऊ बनाने के लिए तरह-तरह के टिप्स दिए जाते हैं. जिससे किसान जागरूक हो सके और उनकी फसल में रोग लगने की संभावनाए कम हो और उन्हें फायदा मिल सके. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 10:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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