स्वाद में कड़वी लेकिन गुणों की खान है ये सब्जी किसान हो रहे हैं मालामाल
स्वाद में कड़वी लेकिन गुणों की खान है ये सब्जी किसान हो रहे हैं मालामाल
Karela Farming: यूपी के रायबरेली के किसान वीरेद्र कुमार 10 बिस्वा जमीन में करेले की खेती करते हैं. किसान ने बताया कि एक बार में लागत 20 हजार रुपए आती है, लेकिन 60 से 70 दिन के अंदर वह डेढ़ लाख रुपए तक कमा लेते हैं.
रायबरेली: स्वाद में कड़वा एवं औषधि गुणों से भरपूर करेला जितना हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. उससे कहीं ज्यादा यह करेला रायबरेली के किसानों की जिंदगी में मिठास घोल रहा है. क्योंकि इसकी खेती करके किसान मालामाल होते जा रहे हैं. लता वर्गीय सब्जियों की श्रेणी में आने वाले करेला की खेती करके किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
बता दें कि रायबरेली जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के केसर खेड़ा गांव निवासी युवा किसान वीरेंद्र कुमार बीते एक साल से अपनी पुश्तैनी जमीन पर करेला की खेती कर रहे हैं. वह करेले की उन्नत किस्म में शामिल पूसा हाइब्रिड-2 की खेती कर रहे हैं.
उद्यान विभाग से मिली जानकारी
किसान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वह पहले परंपरागत फसलों की ही खेती करते थे, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा नहीं मिल रहा था, तो उन्होंने सब्जियों की खेती के बारे में सोचा. इसके बाद उनके मन में आया कि क्यों न कोई ऐसी सब्जी की खेती की जाए, जिसमें लागत भी काम आए और अधिक मुनाफा मिले.
इसी सोच को आगे बढ़ते हुए उन्होंने रायबरेली उद्यान विभाग से संपर्क किया. जहां पर उन्हें करेले की खेती के बारे में सुझाव मिला.फिर क्या था, उद्यान विभाग से करेले की खेती के बारे में तकनीकी जानकारी हासिल करके उन्होंने इसकी खेती शुरू कर दी. अब वह इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
नेट विधि से करते हैं खेती
लोकल 18 से बात करते हुए युवा किसान वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि वह एक खास विधि से करेला की खेती करते हैं, जिससे उनकी फसल को खराब होने का खतरा कम रहता है. किसान ने बताया कि करेला लता वर्गीय सब्जियों की श्रेणी में आता है. इसीलिए वह इसकी खेती एक खास तरीके नेट विधि से करते हैं.
जानें कैसे करते हैं बीज की रोपाई
इस विधि में वह खेत में क्यारी बनाकर उन्हीं पर बांस के टुकड़े गाड़ देते हैं. उसके बाद नेट यानी की जाल को बांध दिया जाता है. फिर उन्ही क्यारियों पर पौधे की रोपाई कर दी जाती है. जब बेल बढ़ने लगती है, तो एक सूत की रस्सी के सहारे बेल को उसी जाल पर चढ़ा देते हैं, जिससे पौधे में करेले लगने पर वह जमीन में नही छूते हैं.
भारी बारिश का नहीं पड़ता असर
किसान ने बताया कि वह इस विधि का फायदा उन्हें मिल रहा है. यहां कितनी भी भारी बारिश हो. इसके बाद भी करेला जाल के सहारे लटकता रहता है. जिससे वह खराब नहीं होगा. साथ ही करेला की लंबाई भी सामान्य करेले की तुलना में ज्यादा होती है.
कम लागत में अधिक मुनाफा
युवा किसान वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि वह 10 बिस्वा जमीन पर करेले की खेती कर रहे हैं. जिसमें लगभग 15 हजार रुपए से 20 हजार रुपए की लागत आती है, तो वहीं, सीजन में यानी की 60 से 70 दिन में एक से डेढ़ लाख रुपए तक की आसानी से कमाई हो जाती है. खेत में तैयार करेले की फसल को वह रायबरेली और बाराबंकी के बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Raebareli News, UP newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 10:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed