अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: जब भी दुनिया के सबसे महंगे आम की बात होती है, तो सबसे पहले मियाजाकी आम का नाम सामने आता है. अभी तक इस आम की खेती जापान में की जाती थी. लेकिन अब भारत में भी किसानों ने मियाजाकी आम की बागवानी शुरू कर दी है. बात करें उत्तर प्रदेश की तो मलिहाबाद के किसान अफताब इसे अपने यहां उगाते हैं और इसके जरिए अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. पूरे लखनऊ, मलिहाबाद और रहमान खेड़ा बेल्ट में सिर्फ अफताब ही ऐसे हैं जिनके पास दुनिया का सबसे महंगा आम और उसके पौधे मिलते हैं. पूरे देशभर से लोग इनके पास आते हैं, इसे खरीदने के लिए, इसके पौधे की कीमत 1000 रुपए है. लेकिन इस एक आम की कीमत लगभग 1000 रुपए हमारे देश में है. अफताब से बात की गई कि आखिर यह आम इतना महंगा क्यों है. तो उन्होंने बताया कि इस आम की कीमत विदेश में दो से तीन लाख रूपए है. हमारे देश में कोई भी इतना ज्यादा पैसा नहीं दे सकता. इसलिए हमारे देश में दुनिया का सबसे महंगा आम 50 से 70,000 रुपए किलो बिक जाता है. कभी-कभी इस आम का एक पीस ही दो से तीन हजार रुपए में बिकता है.
मुनाफे का सौदा है यह आम
अफताब ने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले इन पौधों को बाहर से मंगाया था. साल 2023 में इसके ऊपर आम आया. क्योंकि मियाजाकी का नया पौधा जब भी लगाया जाता है, तो उसमें फल आने में तीन साल लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि साल 2023 में इन्होंने मियाजाकी आम के एक पीस को तीन से 4000 रुपए में बेचा था. कहीं-कहीं पर 70,000 रुपए किलो भी इनका आम बिका था. जिस वजह से इनको एक ही आम की वैरायटी से अच्छा मुनाफा हुआ है. अब किसान भी इस आम की ओर आकर्षित हो रहे हैं. क्योंकि इसका पेड़ छोटा होता है और इस पर हर साल आम आता है और महंगा होने की वजह से लोग इसे खरीदते भी हैं. कम जगह में कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मियाजाकी आम की खेती सबसे बेस्ट है.
स्वाद भी है लाजवाब
अफताब ने बताया कि मियाजाकी आम का स्वाद बहुत ज्यादा मीठा नहीं होता है. इसका स्वाद मीडियम होता है, इसीलिए हमारे देश के साथ ही विदेशों में भी इस आम को खूब पसंद किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पास वर्तमान में 150 पौधे मियाजाकी आम के हैं, जिसमें कई पौधों पर आम आ चुके हैं.
क्या है इस आम की खासियत
दुनिया के सबसे महंगे इस आम का मूल नाम ‘ताइयो नो तमागो’ है. लोग इसे एग ऑफ द सन भी कहते हैं. ऐसे जापान के मियाज़ाकी राज्य में इसकी खेती की जाती है. यही वजह है कि इसका नाम मियाज़ाकी पड़ गया. खास बात यह है कि दुनिया के अमीर लोग ही सिर्फ इसे खाते हैं. मार्केट में इसकी बिक्री नहीं होती है, बल्कि नीलामी की जाती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 15:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed