धान में 10 कीटनाशक दवाओं के छिड़काव पर लगा प्रतिबंध जानें वजह
धान में 10 कीटनाशक दवाओं के छिड़काव पर लगा प्रतिबंध जानें वजह
Basmati Rice in Aligarh: यूपी के अलीगढ़ में बासमती चावल को उगाने वाले किसानों के हित में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है. जहां चावल पर छिड़काव वाली 10 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में बासमती चावल उगाने वाले किसानों के हित में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल, अधिकारियों द्वारा ऐसी दवाओं पर रोक लगा दी गई है, जो बासमती चावलों को उगाने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं. यानी कि वह कीटनाशक जो बासमती चावल की फसल पर छिड़काव के लिए काम करते हैं.
इन दवाओं का नहीं होगा छिड़काव
ऐसे छिड़काव को तत्काल प्रभाव से रोकने के दिशा निर्देश जारी किये गये हैं, जिससे बासमती चावल को अच्छे तरीके से उगाया जा सके. यह निर्णय किसान हित में बताया जा रहा है, जिसको लेकर जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने बासमती धान की फसल पर छिड़काव करने वाले रसायनों के लिए सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के सबंध में बताया कि 10 निर्धारित कीटनाशकों का विक्रय, वितरण और प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. जो कि बासमती चावल किसानों के हित में नहीं है.
अधिकारी ने बताई वजह
पीपीओ जायसवाल ने कहा कि कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ‘कीटनाशकों विशेषकर ट्राईसाइक्लाजोल और बुप्रोफेजिन के सुरक्षित और न्यायोचित प्रयोग के लिए एसओपी जारी की गई है, जिसमें वैकल्पिक कीटनाशकों के प्रयोग की संस्तुति की गयी है.
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), भारत सरकार ने भी सूचित किया है कि यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और खाड़ी देश जैसे आयातक देशों में कीटनाशकों के अधिकतम अवशेष स्तर के कड़े मानकों के कारण बासमती चावल के निर्यात को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
जानें कीटनाशक दवाओं पर क्यों लगा प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश की विरासत बासमती उपज को बचाने और अन्य देशों को बासमती चावल के बाधा मुक्त निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए इन कीटनाशकों पर पाबंदी लगाने का अनुरोध किया है. क्योंकि पूर्वोक्त कीटनाशक बासमती चावल के निर्यात और खपत में संभावित बाधा है और पूर्वोक्त कीटनाशकों के विकल्प जिनका अवशेष प्रभाव कम है, जो बाजार में उपलब्ध है. उत्तर प्रदेश राज्य के 30 बासमती उत्पादक जिलों में बासमती धान की फसल पर 10 कीटनाशकों के विक्रय, वितरण एवं प्रयोग पर प्रतिषेध लगाना अनिवार्य हो गया है.
10 कीटनाशकों के बिक्री पर लगाई रोक
इसलिए अब, कीटनाशी अधिनियम, 1968 (अधिनियम संख्या 46 सन् 1968) की धारा 27 की उपधारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्तियों और इस निमित्त अन्य समस्त समर्थकारी शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित किये जाने के दिनांक से 60 दिनों की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के 30 जिलों आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर सहारनपुर, शाहजहांपुर और सम्भल में बासमती चावल में 10 कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और प्रयोग को प्रतिषिद्ध करते हैं, ताकि गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि की जा सके.
ये हैं प्रतिबंधित कीटनाशक रसायन
बता दें कि कीटनाशक ट्राइसाइकला जोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, कलोरपाइरीफोस, हेकसाकोनो जोल, प्रोपिकोना जोल, थायोमेथा कसाम, प्रोफेनेफॉस, इमिडाकलोप्रिड, कार्येणडाजिम को प्रतिबंधित किया गया है. अब किसान इन दवाओं का प्रयोग बासमती चावल की खेती में नहीं कर सकते हैं.
Tags: Agriculture, Aligarh news, Local18FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 13:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed