IIT मद्रास के कैंपस में रेप- सुरक्षा पर उठ रहे सवाल दहशत में हैं स्टूडेंट्स
IIT मद्रास के कैंपस में रेप- सुरक्षा पर उठ रहे सवाल दहशत में हैं स्टूडेंट्स
देश और दुनिया में प्रसिद्ध भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT-M) के कैंपस में रेप की घटना से सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना के बाद से महिलाएं और स्टूडेंट्स दहशत में हैं.
हाइलाइट्सIIT मद्रास के परिसर में रेप की घटना पर नाराजगी कैंपस में महिलाओं और स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर सवाल संस्थान ने स्टूडेंट्स से कहा- खुद करें अपनी सुरक्षा
रोहिणी स्वामी
चेन्नई. देश और दुनिया में प्रसिद्ध भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT-M) के कैंपस में रेप की घटना से सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना के बाद से महिलाएं और स्टूडेंट्स दहशत में हैं और उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए संस्थान से मांग की है. बताया जाता है कि इस मामले में कैंपस के भीतर जूस की दुकान पर काम करने वाले एक कर्मचारी चंद्रन कुमार की गिरफ्तारी हुई है. इधर, संस्थान ने सुरक्षा की जिम्मेदारी छात्रों पर डाल दी है, जिससे उसे नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या केवल छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे सुरक्षित रहें और रात में बाहर न निकलें? इस बीच कैंपस और खासतौर रात में परिसर के भीतर की सुरक्षा के लिए चर्चा हो रही है. पूछा जा रहा था कि क्या छात्रावास सुविधाओं वाले शैक्षणिक संस्थानों की यह जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए कि वे कड़ी सुरक्षा और निगरानी बनाए रखें, खासकर जब परिसर में पहले भी मामले दर्ज किए गए हों?
सदमे में है पीड़ित छात्रा, सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी काम नहीं आए
पीड़ित छात्रा का कहना है कि 24 जुलाई को जब वह छात्रावास लौट रही थी, तब आरोपी से उसे बीच रास्ते में रोका और एनएसी परिसर के पास यह घटना हुई. आरोपी ने पीड़ित छात्रा के साथ मारपीट की और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया. घटना के बाद छात्रा किसी तरह अपने कमरे तक पहुंची और सदमे में रही. इस घटनाक्रम की जानकारी दो दिन बाद पीड़ित के मित्र ने आईआईटी के अधिकारियों को दी. सदमे की स्थिति के बावजूद पीड़ित को 300 से अधिक फोटो दिखाए गए और पूछताछ की गई. इधर, कैंपस के भीतर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी मददगार साबित नहीं हुए.
IIT-M ने बताया पर्याप्त सुरक्षा, हर 100 मीटर पर गार्ड तैनात
up24x7news.com को दिए गए IIT-M के एक बयान में कहा गया है कि ‘IIT मद्रास के गेट्स पर्याप्त रूप से सुरक्षित हैं और हर 100 मीटर पर एक सुरक्षा गार्ड तैनात है. संस्थान में एक दोस्त (DoST) प्रणाली भी है और विषम समय में एक सुरक्षा कर्मचारी के साथ संस्थान की बसों को बुलाने की सुविधा भी है. पीड़ित छात्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में दिलचस्पी नहीं ले रही है, लेकिन हमारी जांच अभी भी जारी है. हैरानी की बात है कि जब पुलिस जांच शुरू हुई तब मामले में कुछ हलचल हुई और गिरफ्तारी हुई.
संस्थान के रवैये से नाराज है स्टूडेंट्स और महिलाएं
24 जुलाई की घटना के बाद से स्टूडेंट्स और महिलाएं संस्थान के रवैये से नाराज हैं. उनका कहना है कि 27 जुलाई को डीन ऑफ स्टूडेंट्स (DoST) की ईमेल से कहा गया कि छात्राओं को विशेष रूप से रात के दौरान ‘प्रोटोकॉल का सावधानी से’ का पालन करें. इसमें कहा गया है कि यदि कोई अपने छात्रावास से बाहर हो तो प्रयोगशाला प्रभारी को सूचित करना होगा या फिर काम के घंटों के लिए अनुमति लेनी होगी. प्रयोगशाला को लेकर कई निर्देश हैं. इसमें DoST प्रणाली का पालन करने को कहा गया है. साथ कहा गया है कि 600 एकड़ से अधिक में फैले परिसर में सुरक्षा बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, ऐसे में अपने दोस्तों के साथ ही रहें. सुरक्षा स्टैंड की सहायता करें. DoST का सुझाव है कि यदि छात्र अपनी प्रयोगशाला से देरी से लौट रहे हैं तो बस सेवा का लाभ उठाएं.
खुद सुरक्षित रहने और उसकी जिम्मेदारी लेने को कहा
up24x7news.com ने घटना के बारे में उनमें से कुछ से संपर्क किया तो एक छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सुरक्षा में सुधार करने के बजाए हमें खुद सुरक्षित रहने और उसकी जिम्मेदारी लेने को कहा गया है. परिसर एक सुरक्षित क्षेत्र होना चाहिए ताकि शोधकर्ता देर तक अपनी रिसर्च कर सके. लेकिन संस्थान सारी जिम्मेदारी स्टूडेंट्स पर ही डाल रहा है. क्या संस्थान सुरक्षा और निगरानी को बढ़ा नहीं सकता? एक अन्य शोध छात्रा ने कहा कि कई अन्य छात्राएं हैं, जिन्होंने परिसर के अंदर अपराधियों के साथ यौन उत्पीड़न या करीबी कॉल के समान अनुभव साझा किए हैं. संस्थान इस बारे में चुप रहा है. हालांकि इस बार सुरक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया है.
एक साल पहले भी हुआ था ऐसा ही हमला
एक अन्य छात्र ने गुमनाम रखने की शर्त पर कहा कि एक साल पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है. उन्होंने बताया कि पीएचडी विद्वान ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. अभी तक मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है. पीड़िता ने पुलिस में अपनी शिकायत में उल्लेख किया था कि कैसे 29 मार्च, 2021 को, एक साथी विद्वान ने उसका यौन उत्पीड़न किया और बाद में, उसे परिसर में सात अन्य लोगों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. पीड़िता ने राष्ट्रीय महिला आयोग सहित कई मंचों को लिखा था, जहां उसने बताया कि कैसे उसे आईआईटी-मद्रास परिसर में बॉडी शेमिंग, यौन उत्पीड़न और बलात्कार का शिकार होना पड़ा.
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Tags: Chennai, IIT Madras, RapeFIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 18:04 IST