रामपुर: तस्वीर में दिख रहा यह अद्भुत पाकेट का पेड़ आज से नहीं बल्कि कई शताब्दियों से रामपुर में खंडहरों के बीच खड़ा है. कोसी वीयर की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित पुराना, धूल से लदा और भूला हुआ महल, जो बेनजीर कोठी के नाम से प्रसिद्ध है में खड़ा यह विशालकाय पाकेट का पेड़ आज भी अपना अस्तित्व बनाए हुए है.
इस पेड़ की देखरेख करने वाले एक स्थानीय बुजुर्ग के अनुसार, इसकी आयु लगभग 120 वर्ष है. यह पेड़ नवाब हामिद अली द्वारा लगाया गया था. वक्त बीतता गया और यह पेड़ अपनी जड़ों को फैलाता गया. जानकारों के मुताबिक, यह पेड़ रामपुर के नवाब ने विदेश से लाकर यहां लगाया था और यह एशिया का एकमात्र पेड़ बताया जाता है. इसकी खासियत यह है कि इसका कोई पौधा या बीज नहीं होता, यह कुदरती रूप से भूमि में उग जाता है.
स्वास्थ्य लाभ
लोग इसके फल के बीज को सिरके में डालकर लिवर से संबंधित बीमारियों में इस्तेमाल करते हैं और इसका उपयोग भी लंबे समय तक किया जाता है. डीएफओ रामपुर, राजीव कुमार के मुताबिक, यह नवाबों द्वारा लगाया गया बेहद खास पेड़ है और यह कहीं और नहीं मिलता. रामपुर की जनता का इस पेड़ से बड़ा जुड़ाव भी है. इस पेड़ के फल और पत्तियों का इस्तेमाल लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों में करते हैं.
प्राचीन वृक्ष की जानकारियां
डीएफओ रामपुर द्वारा बताया गया कि प्राचीन वृक्ष से जुड़ी जानकारियां जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह पेड़ न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभकारी है. रामपुर का यह पाकेट का पेड़ न केवल इतिहास का गवाह है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी है. नवाब हामिद अली द्वारा लगाया गया यह पेड़ आज भी अपनी महत्ता और विशेषताओं के कारण रामपुर की जनता के बीच खास स्थान रखता है.
Tags: Health, Local18FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 17:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed