यहां तोप के गोले दागने से होती थी बच्चे की पहचान नवाबों की थी ये खास ट्रिक
यहां तोप के गोले दागने से होती थी बच्चे की पहचान नवाबों की थी ये खास ट्रिक
रामपुर रियासत में नवाब खानदान में शासक के जन्म लेने पर अथवा रियासती दरबार के अवसर पर तोपों की सलामी का प्रचलन था. नवाब के यहां बेटा पैदा होने पर 21 और बेटी पैदा होने पर 11 गोले दागे जाते थे. इसी से जनता को पता लगता था कि नवाब खानदान में किसी बच्चे का जन्म हुआ है.
अंजू प्रजापति/रामपुर: उत्तर प्रदेश का रामपुर जिला नवाबों के नाम से बेहद मशहूर है. ये शहर अपनी शानो शौकत और अपनी बेशुमार दौलत के लिए पूरे हिंदुस्तान में जाना जाता था. आजादी के दो साल बाद तक भी रामपुर में नवाबों का राज रहा. उनकी अपनी फौज थी, अपना रेलवे स्टेशन, अपना बिजलीघर, अपनी अदालतें, यानी सब कुछ अपना था. 1774 में जहां पूरे देश में अंग्रेजी हुकूमत काबिज थी, तो वहीं कठेर नाम के घने जंगल में रामपुर रियासत का उदय हुआ.
अंग्रेजों के शासन काल में भारत के नवाबों को तोपों की सलामी मिलती थी. उसमें यूपी का शहर रामपुर का भी विशेष रूप से स्थान था. रामपुर के नवाब की पूरे हिंदुस्तान के राजघरानों में भी बड़ी अहमियत थी. वह जब दूसरे राजा महाराजाओं से भेंट करने जाते थे, तो उन्हें दूसरे राज्यों में 15 तोपों की सलामी दी जाती थी. रामपुर रियासत में नवाब खानदान में शासक के जन्म लेने पर अथवा रियासती दरबार के अवसर पर तोपों की सलामी का प्रचलन था. नवाब के यहां बेटा पैदा होने पर 21 और बेटी पैदा होने पर 11 गोले दागे जाते थे. इसी से जनता को पता लगता था कि नवाब खानदान में किसी बच्चे का जन्म हुआ है.
तोपों की सलामी से होती है बेटी-बेटी की पहचान
इतिहासकार फरहत अली खान बताते हैं कि रामपुर शहर पूरे विश्व में एक मशाली शहर रहा है. क्योंकि जितने नजदीकी संबंध रामपुर नवाब के मल्लिका विक्टोरिया से रहे, मैं समझता हूं इतने अच्छे संबंध किसी के रहे हो. पहले सबका ऐसा कहना था कि विशेष मौकों पर तोपों की सलामी देकर सम्मान दिया जाता है, तो यह प्रचलन रामपुर की नवाबी और रामपुर की आवाज में भी देखने को मिला. जब नवाब खानदान में उनका चश्मों चिराग़ पैदा होता था, तो तोप के गोले दागे जाते थे ये खुशी का दिन माना जाता था. इसी से रामपुर की अवाम को पता लगता है कि नवाब परिवार में उनके बलिहार ने जन्म लिया है.
Tags: Local18, Rampur news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 09:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed