राहुल गांधी के किस फॉर्मूले को CJI के सामने SG तुषार मेहता ने बताया बचकाना

Supreme Court: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाय चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान आज कोर्ट में कहा, “हम इस मुद्दे पर एक संदेश भेजेंगे क्योंकि हम जो लिखेंगे वह यह संदेश देगा कि भारत क्या है और भारत क्या बनना चाहता है.

राहुल गांधी के किस फॉर्मूले को CJI के सामने SG तुषार मेहता ने बताया बचकाना
नई दिल्‍ली. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने संपत्ति को समाज के सभी वर्गों में बराबर बांटने का मुद्दा उठाया. राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि एक फाइनेंशियल सर्वे कराया जाएगा ता‍कि असमानता के मुद्दे के समाधान के लिए देश में धन के वितरण को निर्धारित किया जा सके.  सुप्रीम कोर्ट ने मेटीरियल, रिसोर्स, ओनरशिप और मैनेजमेंट के संदर्भ में डायरेटिव प्रिंसिपल ऑफ स्‍टेट पॉलिसी (DPSP) की व्याख्या करने के लिए नौ न्यायाधीशों की पीठ भी नियुक्त की है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाय चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान आज कोर्ट में कहा, “हम इस मुद्दे पर एक संदेश भेजेंगे क्योंकि हम जो लिखेंगे वह यह संदेश देगा कि भारत क्या है और भारत क्या बनना चाहता है. हम 39 (बी) और (सी) के संवैधानिक सामाजिक महत्व को कम नहीं करना चाहते हैं. यह हमारे लिए है, हमें दिया गया है. साथ ही, हमें 39(बी) की इतने व्यापक अर्थ में व्याख्या करके यह संदेश नहीं देना चाहिए कि समाज में निजी अधिकारों की कोई सुरक्षा नहीं है.” यह भी पढ़ें:- भुवनेश्‍वर से दिल्‍ली के लिए उड़ा विमान, अचानक पड़ने लगे ओले और टूट गया ‘कॉकपिट का शीशा’, फिर… …तो निजी निवेश को प्रोत्साहित करना होगा: CJI सीजेआई ने कहा, “निजी स्वामित्व वाली संपत्ति को समुदाय के भौतिक संसाधनों के रूप में शामिल करने के लिए अनुच्छेद 39 (बी) की व्याख्या करना कठोर होगा. 1990 के दशक से आर्थिक विकास की गतिशीलता समाजवादी पैटर्न से मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था में बदल गई है और अब निजी निवेश प्रमुख है. यदि हम एक उत्पादक अर्थव्यवस्था चाहते हैं तो निजी निवेश को प्रोत्साहित करना होगा. 1950 के दशक में किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि बिजली का वितरण निजी पार्टियों द्वारा किया जाएगा. वर्तमान परिदृश्य में, यह तर्क देना बेहद अनुचित होगा कि सामुदायिक संसाधनों में सभी निजी संपत्तियाँ शामिल हैं.” तुषार मेहतान ने CJI के सामने क्‍या कहा? वियॉन की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई के विचारों पर सहमति जाहिर करते हुए कहा “प्रत्येक नागरिक की संपत्ति का कुल योग करके देश की संपत्ति की गणना करने और फिर इसे एक विशेष वर्ग के बीच समान रूप से वितरित करने का प्रस्ताव करना एक गवार और बचकाना (rustic and juvenile method) तरीका होगा. इस तरह के विचार आर्थिक विकास, शासन, सामाजिक कल्याण और राष्ट्र की समझ की कमी को दर्शाते हैं.” . Tags: 2024 Lok Sabha Elections, CJI, DY Chandrachud, Rahul gandhi, Supreme Court, Tushar mehtaFIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 23:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed