अपनों के वार एक दूसरे के आसरा बने राहुल-खरगे इस फोटो के तो यही मायने हैं!
अपनों के वार एक दूसरे के आसरा बने राहुल-खरगे इस फोटो के तो यही मायने हैं!
Rahul Gandhi: राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की यह तस्वीर काफी कुछ कहती है. इस तस्वीर के साथ राहुल खरगे को सम्मान के साथ उन्हें सहारा भी दे रहे है.लेकिन, इसका एक दूसरा पहलू यह है कि इस वक्त राहुल को खरगे की सबसे ज्यादा जरूरत है.
Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी वैसे तो हर समय सत्ता पक्ष के निशाने पर रहते हैं. इसमें कोई नई बात भी नहीं है क्यों एक लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के रिश्ते कमोबेश ऐसे ही होते हैं. टकराव, तरकार, व्यंग्य और कटाक्ष एक स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी हैं. लेकिन, कांग्रेस नेता इन दिनों विपक्ष के साथ-साथ अपनों के निशाने पर हैं. उनका इंडिया गठबंधन टूटने की कगार पर है. कांग्रेस के करीबी दल भी परोक्ष तौर पर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. वे राहुल पर हमले के बहाने इंडिय गठबंधन की बागडोर टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देने की मांग कर रहे हैं. इमसें कांग्रेस के एक सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार से पहले कांग्रेस का मनोबल ऐसे ही गिरा हुआ है. फिर संसद के शीत सत्र में राहुल के नेतृत्व वाली कांग्रेस को विपक्ष से कुछ खास साथ नहीं मिल रहा है. लोकसभा में सीट व्यवस्था को लेकर कांग्रेस-सपा के बीच भी विवाद हो गया तो राहुल गांधी के लगातार एक खास मुद्दे को उठाने से भी उनके सहयोगी दल बहुत खुश नहीं हैं.
तस्वीर के मायने
इस बीच राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की यह तस्वीर काफी कुछ कह रही है. यह तस्वीर पार्टी की एक बैठक के वक्त की है. मल्लिकार्जुन खरगे 83 साल के हो गए हैं. वह इस उम्र में कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन के बाद पार्टी हाल के विधानसभा चुनावों में पूरी तरह बेपटरी हो गई. वहीं, राहुल गांधी अपनी रणनीति के कारण अपनों के निशाने पर हैं.
ऐसे में इस तस्वीर से निकल रह संदेशों को खारिज नहीं किया जा सकता है. तस्वीर में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं. वैसे तो यह हाथ मल्लिकार्जुन खरगे की उम्र को देखते हुए उन्हें सहारा देने के लिए थामे गए हैं लेकिन इसके सियासी मायने भी हैं. राहुल गांधी को इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत अपनी पार्टी की है. सहयोगी दल उनके नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन, इस वक्त उन्हें अपने अध्यक्ष के आसरे की जरूरत है. साथ ही खरगे को भी राहुल गांधी की जरूरत है. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनावों में मिली हार से पार्टी के नेतृत्व सवालों के घेरे में है.
Tags: Mallikarjun kharge, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 19:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed