60 बैलगाड़ियों से बारात लेकर निकला दूल्हा नजारा ऐसा कि देखते रह गए लोग

बैलगाड़ी से अपनी दुल्हनिया को लेने निकले राहुल यादव की बारात को जिसने भी देखा वह हैरान रह गया. क्योंकि सैकड़ो वर्ष पुरानी इस परंपरा को लोग आधुनिकता के इस दौर में भूलते चले जा रहे हैं. लेकिन राहुल यादव ने फिर से इस परंपरा व संस्कृति को जीवंत करने का काम किया.

60 बैलगाड़ियों से बारात लेकर निकला दूल्हा नजारा ऐसा कि देखते रह गए लोग
सौरभ वर्मा/ रायबरेली: आज के आधुनिक युग में लोग लग्जरी गाड़ियों में बैठकर बारात ले जाते हैं. हर कोई आलीशान तरीके से शादी करने का सपना देखता है. कई लोग तो हैलीकाप्टर से दुल्हनिया लेने जाते हैं. लेकिन ऐसे समय में रायबरेली में एक अनोखी बरात निकली, जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गई. रायबरेली में बुधवार को एक दूल्हा अपनी दुल्हनिया को लेने के लिए 60 बैल गाड़ियों के साथ बारात लेकर निकला. जिसने भी यह बारात देखी वो देखता ही रह गया. 60 बैल गाड़ियों के साथ निकली बारात बताते चलें कि आधुनिकता के इस दौर में जहां लोग अच्छी-अच्छी लग्जरी गाड़ियों से चलना पसंद करते हैं और अपनी पुरानी संस्कृतियों को भूलकर नए रीति रिवाज अपना रहे हैं. तो वहीं रायबरेली के युवक ने अपनी पुरानी परंपरा को फिर से जीवंत कर दिया. रायबरेली जिले के डीह थाना क्षेत्र अंतर्गत खुरहटी गांव के रहने वाले राहुल यादव ने अपनी शादी में लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल करने के बजाय अपनी पुरानी संस्कृति को अपनाया. वह लगभग 60 बैल गाड़ियों के साथ अपनी दुल्हनिया को लेने निकल पड़ा. रास्ते में जिसने भी यह नाजारा देखा वह आश्चर्यचकित रह गया. बैलों के गले व पैरों में बंधे घुंघरू की खनखन आवाज के साथ यह बारात आगे बढ़ रही थी. जिससे यह बारात लोगों के बीच आकर्षण को केंद्र बनी गई. लोग इसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद करते नजर आए. बारात देखकर लोग हुए हैरान बैलगाड़ी से अपनी दुल्हनिया को लेने निकले राहुल यादव की बारात को जिसने भी देखा वह हैरान रह गया. क्योंकि सैकड़ो वर्ष पुरानी इस परंपरा को लोग आधुनिकता के इस दौर में भूलते चले जा रहे हैं. लेकिन राहुल यादव ने फिर से इस परंपरा व संस्कृति को जीवंत करने का काम किया. पिता की इच्छा हुई पूरी लोकल 18 से बात करते हुए दूल्हे के चचेरे भाई संतोष यादव ने बताया कि बैलगाड़ी तो हम किसानों की पहचान है. आधुनिकता के इस दौर में लोग बैलगाड़ी को भूल गए हैं. इस बैलगाड़ी से तो हमारा सैकड़ों वर्ष पुराना नाता है. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि वह बीते एक माह से अपने भाई की शादी की तैयारी में लगे हुए थे. उनके यहां दो जोड़ी बैल आज भी हैं. बाकी बैलगाड़ी को वह आस पड़ोस के गांव से इकट्ठा किया. वह बताते हैं कि हमारे पिता की इच्छा थी, कि अपनी पुरानी संस्कृति को आगे बढ़ाया जाए. इसीलिए हम लोगों ने बैलगाड़ी से भाई की बारात निकलने का निर्णय लिया. दुल्हन के घरवाले भी इस बारात को देखकर खुशी से झूमते नजर आए. . Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 16:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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