जानिए नोएडा में ट्विन टावर के 60 हजार टन मलबे से क्या-क्या बनाया जाएगा
जानिए नोएडा में ट्विन टावर के 60 हजार टन मलबे से क्या-क्या बनाया जाएगा
हालांकि मलबे को लेकर एक यह बात भी सामने आ रही है कि ट्विन टावर (Twin Tower) से निकले मलबे के कुछ हिस्से को वहीं बेसमेंट भरने के काम में लिया जा सकता है. क्योंकि इस जगह पर पार्क (Park) विकसित किया जाना है. लेकिन फिर भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बेसमेंट में भरने के बाद भी करीब 40 हजार टन तक मलबा बचेगा. इस मलबे को वहां से हटाना और रिसाइकिल (Recycle) करना भी एक बड़ी चुनौती होगी.
नोएडा. सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराया जा चुका है. 32 और 29 मंजिला टावर जमीन पर मलबे की शक्ल ले चुके हैं. अभी मलबे की चेकिंग चल रही है. कहीं कोई विस्फोटक बिना फटे न रह गया हो. दोनों टावर में से 60 से 65 हजार टन तक मलबा निकलने की बात कही जा रही है. जानकारों की मानें तो मलबे का निस्तारकरण करने की जिम्मेदारी नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) को दी गई है. अथॉरिटी सेक्टर-80 में बने कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (CnD) वेस्ट प्लांट पर ट्विन टावर के मलबे का इस्तेमाल करेगी. गौरतलब रहे वेस्ट प्लांट के नोएडा में मलबा कलेक्शन सेंटर हैं जो एक फोन कॉल पर फ्री में मलबा उठाते हैं.
मलबे से बनेंगे टाइल्स, सड़कों में भरी जाएगी डस्ट
जानकारों की मानें तो एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-80 में सीएंडडी प्लांट खोला है. यहां नोएडा शहर से निकले मलबे को रिसाइकिल किया जाता है. मलबे को अलग-अलग करने के बाद उसका इस्तेमाल इंटरलॉकिंग टाइल्स बनाने में किया जाता है. ट्विन टावर से निकले मलबे को भी यहां रिसाइकिल किया जाएगा. मलबे से टाइल्स बनाई जाएंगी. इसके बाद मलबे की बची हुई डस्ट को सड़क बनाने के दौरान इस्तेमाल किया जाएगा.
…6 महीने में रिसाइकिल होगा ट्विन टावर का मलबा
ट्विन टावर मलबे में तब्दील हो चुका है. मलबे की मात्रा को लेकर तरह-तरह के आंकड़े बताए जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहीं मलबा का आंकड़ा 60 हजार टन बताया जा रहा है तो किसी रिपोर्ट में 65 हजार टन. अगर हम कम से कम वाले आंकड़े को मानें तो ट्विन टावर में से 60 हजार टन मलबा निकलेगा. एक मोटे अनुमान के मुताबिक मलबे में से करीब 4 से 5 हजार टन स्टील यानि सरिया निकलेगी. इस तरह से 55 हजार टन मलबा रिसाइकिल के लिए सेक्टर-80 स्थित सीएंडडी सेंटर जाएगा.
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जानकारों की मानें तो इस सेंटर की क्षमता हर रोज 300 वेस्ट को रिसाइकिल करने की है. इस हिसाब ट्विन टावर से निकले मलबे को रिसाइकिल करने में कम से कम 6 महीने का वक्त लगेगा. वक्त बढ़ भी सकता है. क्योंकि सेंटर पर हर रोज नोएडा से निकलने वाले वेस्ट को भी रिसाइकिल करने की जिम्मेदारी है. इसलिए ऐसे कायस लगाए जा रहे हैं कि नोएडा का और ट्विन टावर का मलबा साथ-साथ रिसाइकिल किया जाएगा.
कूड़े को रिसाइकिल करने में पहले नम्बर पर है यह राज्य
राज्य में हर रोज निकलने वाले कूड़े को रिसाइकिल करने में मध्य प्रदेश पहले नम्बर पर है. मध्य प्रदेश में हर रोज 6424 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है. लेकिन निकलने वाले कूड़े का 80 फीसद हिस्सा रिसाइकिल कर लिया जाता है. इसी तरह से दूसरे और तीसरे नम्बर पर तेलंगाना 78 और गुजरात 75 फीसद हैं. सबसे कम रिसाइकिल 9 प्रतिशत कूड़ा पश्चिम बंगाल करता है. यहां हर रोज 7700 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है. टॉप 10 राज्यों में राजस्थान 68, तमिलनाडु 60, उत्तराखण्ड 58, दिल्ली-महाराष्ट्र 55 और कर्नाटक 37 फीसद है.
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Tags: Madhya pradesh news, Noida Authority, Supertech twin towerFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 15:32 IST