ट्वीन टावर गिराने से पहले किए गए दो खास एनडीटी और जीपीआर टेस्ट

सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech, Twin Tower) में विस्फोटक लगाने का काम कुल 46 लोगों ने मिलकर किया है. इसमे 10 भारतीय इंजीनियर यानि ब्लास्टर थे तो 6 विदेशी ब्लास्टर (Blaster). इसके अलावा ढुलाई आदि के लिए 30 मजदूर भी लगाए गए थे. बिल्डिंग के कॉलम और बीम में विस्फोटक (Explosive) भरने के लिए वी शेप के होल किए गए थे. इसी होल में विस्फोटक की छड़ रखी गई हैं. अगर बारिश के साथ ही किसी और तरह की परेशानी बीच में नहीं आई तो तय वक्त पर टावर गिरा दिए जाएंगे.

ट्वीन टावर गिराने से पहले किए गए दो खास एनडीटी और जीपीआर टेस्ट
नोएडा. सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech, Twin Tower) सियान और एपेक्स में विस्फोटक (Explosive) लगाने का काम पूरा हो गया है. अब विस्फोटक के कनेक्शन का काम किया जा रहा है. इसके बाद पूरी बिल्डिंग में रखे गए विस्फोटक की जांच करने के बाद कंट्रोल ब्लास्ट (Control Blast) किया जाएगा. लेकिन इस सब से पहले ट्विन टावर में दो और खास टेस्ट किए गए हैं. यह दो टेस्ट नन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT) और ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (GPR) हैं. गौरतलब रहे इन दो टेस्ट के बाद ही ट्विन टावर को गिराने का काम आगे बढ़ा है. इस टेस्ट में ही टावर के नीचे से जा रहे गेल (Gail) की गैस पाइप लाइन सामने आई थी. यह होता है एनडीटी टेस्ट- एनडीटी मतलब नन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग. इस टेस्ट में किसी भी बिल्डिंग के साथ किसी वस्तु की मजबूती जांची जाती है. इसके अलावा यह किस मैटेरियल से बना हुआ है और कहां-कहां से जुड़ा हुआ है, इसका पता लगाया जाता है. इसके अलावा इसे तोड़ने के लिए कितनी ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा इसका पता भी इसी टेस्ट में लगता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें वस्तु को बिना नष्ट किए आवश्यक जानकारी हासिल की जाती है. यह होता है जीपीआर टेस्ट- जीपीआर मतलब ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार. इस तरह के टेस्ट में एक तरीके से जमीन के अंदर का एक्सरे किया जाता है. एक तय गहराई तक जमीन के अंदर कौनसी वस्तु है और वो कहां-कहां है. उस खास जगह पर जमीन के अंदर से होकर क्या गुजर रहा है. जीपीआर टेस्ट से जमीन ही नहीं कंक्रीट के अंदर की वस्तुओं का भी पता लगाया जा सकता है. इसकी मदद से यह भी पता चल जाता है कि जमीन के नीचे से कितनी पाइप लाइन और तार गुजर रहे हैं. ट्विन टावर के पड़ोस में रहने वालों के लिए बना प्लान, जानें सब कुछ टावर गिरने के बाद सीबीआरआई करेगी यह जांच सुपरटेक के ट्विन टावर गिरने के बाद भी एमराल्ड और एटीएस सोसाइटी के फ्लैट में एंट्री करना आसान नहीं होगा. फ्लैट में एंट्री करने से पहले सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम से मंजूरी लेने होगी. प्लान के मुताबिक सीबीआरआई की टीम टावर के गिरने के बाद आसपास बने टावर का स्ट्रक्चरल निरीक्षण करेगी. निरीक्षण करने के बाद स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट देगी. इसके बाद भी अपने-अपने फ्लैट तक जाने के लिए सिर्फ सीढ़ियों की अनुमति दी जाएगी. सीबीआरआई की टीम पहले खाली लिफ्ट चलाकर देखेगी. सोसाइटी की बिजली भी जलाकर जांची जाएगी. सबसे खास बात यह कि इन सभी जांच से पहले एमराल्ड और एटीएस के टावरों के पिलर जांचे जाएंगे. टावर गिराने को ऐसे लगाए गए हैं विस्फोटक टावर गिराने के लिए बिल्डिंग के कॉलम और बीम में विस्फोटक भरे जाते हैं. कॉलम और बीम को वी शेप में काटा जाता है. फिर उसके अंदर विस्फोटक की छड़ रख दी जाती है. विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है. लेकिन उसके बाद 4-4 फ्लोर का गैप देकर जैसे दूसरे के बाद 6 पर और 6 क बाद 10, 14, 18 और 22वें जानकारों की मानें तो किसी भी हाईराइज बिल्डिंग को गिराने के लिए उसके कॉलम और बीम में फ्लोर पर विस्फोटक भरा जाएगा. सूत्रों की मानें तो इसके लिए पूरी बिल्डिंग में करीब 7 हजार छेद किए जाएंगे. गौरतलब रहे एपेक्स टावर में 32 और सियान में 29 फ्लोर हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Explosion, Illegal property demolished, Noida Authority, Supertech twin towerFIRST PUBLISHED : August 23, 2022, 11:43 IST