दुनियाभर के 15 सौ एक्सपर्ट जानेंगे कैसे Indian बकरी दे रहीं लाखों का मुनाफा

साल 2021 में बकरी (Goat) के दूध का 60 लाख मिट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यह भारत में कुल दूध (Milk) उत्पादन का 3 फीसद हिस्सा है. देश में इस साल दूध का कुल उत्पादन 210 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है. गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (GADVASU), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि बकरी के दूध के इस आंकड़े में वो किसान (Farmer) या पशु पालक शामिल नहीं है जो 4-5 बकरी पालकर उसके दूध को घर में इस्तेमाल करने के साथ ही पड़ोस में भी बेच देते हैं.

दुनियाभर के 15 सौ एक्सपर्ट जानेंगे कैसे Indian बकरी दे रहीं लाखों का मुनाफा
नोएडा. बकरी (Goat) के दूध से भरा एक गिलास सिर्फ दूधभर नहीं है, डॉक्टरी नुस्खे के साथ लाखों का मुनाफा देने वाला तेजी से उभरता कारोबार भी है. बकरी के दूध की इसी खासियत को भारतीय किसान (Indian Farmer) और बकरी कारोबारी दुनियाभर से आ रहे 15 सौ डेयरी (Dairy) एक्सपर्ट के सामने साबित करेंगे. 12 से 15 सितम्बर तक नोएडा में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (IDF) की ओर से वर्ल्ड डेयरी समिट होने जा रही है. पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi), अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) इस समिट का उद्घाटन करेंगे. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CRIG), मथुरा समिट में तेजी से बढ़ते बकरी के दूध कारोबार (Milk Business) की कामयाबी पर चर्चा करेगा. बकरी के दूध कारोबार में पहले नंबर पर है भारत भारतीयों के लिए खुशी की बात यह है कि हाल ही में खड़ा हुआ बकरी के दूध का कारोबार तेजी से फैल रहा है. दूध कारोबार में मोटे मुनाफे के चलते बकरी पालने वालों की संख्या से बढ़ रही है. देशभर में संचालित हो रहे केन्द्र सरकार के बकरी अनुसंधान केन्द्र में बकरी पालन का कोर्स करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. बकरे-बकरियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. साल 2012 की पशु जनगणना के मुताबिक देश में बकरियों की संख्या 135.17 मिलियन थी. वहीं जब 2019 में जनगणना हुई तो यह संख्या बढ़कर 149 मिलियन पर पहुंच गई. इसी के चलते बकरी के दूध का कारोबार विश्व में पहले नंबर पर पहुंच गया है. देश में बकरी का पाश्चराइज्ड दूध 200 ग्राम की बंद बोतल में 35 से 40 रुपये का बिक रहा है. अभी अमूल, मदर डेयरी समेत और बड़ी कंपनियों ने बकरी के दूध कारोबार में कदम नहीं रखें हैं, लेकिन जिस दिन ऐसा हुआ तो यह कारोबार नई ऊंचाईयों को छुएगा. ग्रेटर नोएडा की 700 एकड़ जमीन से चीन-ताइवान को मिलेगी चुनौती, जानें प्लान साइंटीफिक टिप्स मिलीं तो घट गई बकरियों की मृत्युदर केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक अब बकरियों का पालन साइंटीफिक तरीके से हो रहा है. लोग बकरी पालन का कोर्स करने आ रहे हैं. कोर्स करने वालों में आईएएस, डिफेंस और दूसरी नौकरियों के बड़े पदों से रिटायर्ड अफसर भी शामिल हो रहे हैं. एक बैच में 90 से 95 छात्र-छात्राएं तक कोर्स करने आ रहे हैं. यही वजह है कि अब बकरी की मृत्युदर 30-40 फीसद से घटकर 7 से 15 फीसदी तक रह गई है.  क्या कहते हैं बकरी अनुसंधान संस्थान के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. इन्द्रजीत सिंह गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, लुधियाना के वाइस चांसलर के साथ ही केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के डॉयरेक्टर भी रहे हैं. उनका कहना है, “आज बकरी के दूध से पनीर, चीज, दूध के बिस्किट बन रहे हैं. डॉक्टर भी दवाई के रूप में बकरी का दूध पीने की सलाह दे रहे हैं. बकरी के चरने की व्यवस्था को देखकर इसके दूध को ऑर्गेनिक दूध कहा जा सकता है. खासतौर से पंजाब में पहले बकरी पालन को शर्म की निगाह से देखा जाता था. लेकिन अब अकेले पंजाब में ही 100 से ज्यादा बड़े बकरियों के फार्म हैं. देसी गायों का एवरेज दूध 2.5 लीटर है तो बीटल नस्ल की बकरियों का 3.5 लीटर प्रतिदिन है. गाय के मुकाबले बकरी का दूध महंगा बिकता है. लागत और पालन के मुकाबले भी बकरी सस्ती पड़ती है.” शायद यही वजह है कि 20वीं पशुधन गणना के मुताबिक 50.21 लाख छुट्टा गोपशु देश की सड़कों पर घूम रहे हैं. इसमे पहले नंबर पर राजस्थान 12.72 लाख तो दूसरे नंबर पर यूपी में 11.84 लाख गोपशु हैं. आंकड़ों के मताबिक देश के 50 फीसद गोपशु तो सिर्फ यूपी और राजस्थान की सड़कों पर ही घूम रहे हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Goat market, Mathura news, Milk, Noida newsFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 12:14 IST