Delhi-NCR के लिए वारदान बनेगी ईस्टर्न कॉरिडोर की लिंक लाइन 15 अगस्त से होगी शुरू
Delhi-NCR के लिए वारदान बनेगी ईस्टर्न कॉरिडोर की लिंक लाइन 15 अगस्त से होगी शुरू
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (DFCC) द्वारा बनाए जा रहे ईस्टर्न कॉरिडोर (Eastern Corridor) की लाइन अभी बिहार तक ही पहुंची है. लेकिन जल्द ही इसे कोलकाता तक बिछा दिया जाएगा. कारोबारियों के लिए अच्छी खबर यह है कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और वेस्टर्न यूपी के कारोबारी थोड़े से ही फासले पर बोड़ाकी और दादरी (Dadri) रेल स्टेशन से ईस्टर्न कॉरिडोर का फायदा ले सकेंगे. बोड़ाकी रेलवे स्टेशन से खुर्जा तक 50 किमी की एक लम्बी लाइन बिछाकर ईस्टर्न कॉरिडोर से जोड़ा गया है.
नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में कारोबार करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब उनका माल कम वक्त और कम लागत में दिल्ली से बिहार और कोलकाता (Kolkata) तक पहुंच जाएगा. इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (DFCC) ने दिल्ली-हावड़ा रूट को ईस्टर्न कॉरिडोर से जोड़ दिया है. खुर्जा से लेकर गौतम बुद्ध नगर के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक इसके लिए 50 किमी की लिंक लाइन बिछाई गई है. ऐसी उम्मीद है कि 15 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) इस लाइन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. ईस्टर्न कॉरिडोर (Eastern Corridor) कोलकाता से लुधियाना तक बनाया है.
लिंक लाइन को पीएम दिखा सकते हैं हरी झंडी
डीएफसीसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो बोड़ाकी रेल स्टेशन से खुर्जा तक की लिंक लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है. मंगलवार को मेगा ब्लॉक लेकर बाकी के सभी छोटे-बड़े काम भी पूरे कर लिए गए हैं. दूसरी ओर ईस्टर्न कॉरिडोर की मेन लाइन का काम भी पूरा हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी लिंक लाइन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं. करीब एक महीना पहले डीएफसीसी के अफसर मेन लाइन के साथ ही लिंक लाइन का भी रेल यान में बैठकर निरीक्षण कर चुके हैं.
ईस्टर्न-वेस्टर्न कॉरिडोर पर शुरू हो सकतीदि है रोरो सर्विस
डीएफसीसी का ईस्टर्न कॉरिडोर कोलकाता तक तो वेस्टर्न कॉरिडोर मुम्बई तक जाता है. दोनों ही बड़े कारिडोर हैं. दोनों ही रूट पर कई बड़े कारोबारी शहर हैं. अगर ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर पर सफलतापूर्वक रोरो सर्विस शुरू हो जाती है तो यह प्रदुषण के लिहाज से भी एक बड़ा कदम होगा.
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रोरो के शुरू होने से सड़कों पर ट्रक और टैंकर्स की संख्या कम हो जाएगी. इससे वायु प्रदुषण भी नहीं फैलेगा. अगर ऐसा होता है तो इससे सबसे बड़ी राहत दिल्ली-एनसीआर को ही मिलेगी.
डीएफसीसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो रोरो सर्विस की शुरुआत एक मालगाड़ी पर 45 ट्रक से की जाएगी. हालांकि डबल डेकर गाड़ी आने के बाद यह संख्या बढ़ भी सकती है. कोकंण रेलवे ने भी इस तरह का प्रयास शुरु कर दिया है. गौरतलब रहे इससे पहले दिल्ली के प्रदुषण को देखते हुए नॉर्थन रेलवे ने भी रोरो सर्विस का ट्रॉयल किया था. अब यह पहला मौका होगा
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Tags: Dedicated Freight Corridor, Delhi-ncr, Kolkata, West UPFIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 09:30 IST