लाइफ में इतना हर्ट कभी नहीं हुआरंगदारी मामले में पप्पू यादव को मिली जमानत

Purnia News: पूर्णिया में फर्नीचर व्यवसायी ने नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव पर 1.25 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज करवाया है. इस मामले में गुरुवार को पूर्णिया सिविल कोर्ट से सांसद पप्पू यादव ने जमानत मिल गई. सीजीएम कोर्ट ने उन्हें बेल दी है. कोर्ट परिसर से निकलने के बाद पप्पू यादव ने कहा कि अब आर पार होगा.

लाइफ में इतना हर्ट कभी नहीं हुआरंगदारी मामले में पप्पू यादव को मिली जमानत
पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई है, पप्पू यादव पर फर्नीचर व्यवसायी राजा कुमार ने रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. इस बाबत मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 93/24 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जमानत मिलने पर पप्पू यादव ने जज का आभार जताया. उन्होंने कहा कि उन पर झूठा केस कर उनकी मानहानि की गई है. वह जल्द ही इस मामले में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. साथ ही उन्होंने इसमें स्थानीय थाना प्रभारी और कुछ बड़े अधिकारियों की भी मिली भगत की बात कही और इसकी जांच की मांग की. बता दें कि पूर्णिया में फर्नीचर व्यवसायी राजा भगत ने नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव पर 1.25 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज करवाया है. इस मामले में गुरुवार को पूर्णिया सिविल कोर्ट से सांसद पप्पू यादव ने जमानत ली. सीजीएम कोर्ट ने उन्हें बेल दिया है. जमानत मिलने के बाद कोर्ट परिसर से बाहर आने पर पप्पू यादव ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. इस मामले की कॉल रिकॉर्ड निकाली जाए कि कहां-कहां किस-किस से उनकी बात होती है. सिविल कोर्ट से बाहर निकलने के बाद सांसद ने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश की गई है. पप्पू यादव ने कहा कि व्यवसायी और केस दर्ज करने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मानहानी का केस करेंगे. पप्पू यादव ने कहा कि उनकी उम्र 57 साल है, लेकिन जीवन में इतना हर्ट कभी नहीं हुए थे. इतना मेल्टन टॉर्चर कभी नहीं हुए थे. उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी की मिलीभगत से यह एफआईआर की गई है. थाना प्रभारी काी कॉल डिटेल और उसे व्यक्ति का मोबाइल कॉल डिटेल निकाली जाए, कहां-कहां गया है कि-किसी से मिला है. सांसद ने कहा कि इस केस को वह सुप्रीम कोर्ट तक लडेंगे. पप्पू यादव ने कहा कि एफआईआर में पहले धारा 385 थी, बाद में साजिश के तहत ऊपर के पदाधिकारी के दबाव पर सीजेएम कोर्ट में 387 धारा लगाई गई. 387 का मतलब यह है कि डायरेक्ट मिले और हमने धमकी दी. हमने एक्सटॉर्शन मांगा. इस बात का सवाल ही नहीं उठाता. यह किस आधार पर भी किया गया, कौन है इसके पीछे, किसको डर है. जितनी ताकत है एडमिनिस्ट्रेशन लगा ले, लेकिन हम भ्रष्टाचार को मिटा देंगे और इन लोगों की मनमानी को खत्म कर देंगे. लड़ाई आर या पार है. आम आदमी की आजादी जब तक नहीं होगी तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 18:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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