ट्विन टावर: जो काम 50 लाख लीटर पानी नहीं कर सका वो शाम को कुदरत ने कर दिया
ट्विन टावर: जो काम 50 लाख लीटर पानी नहीं कर सका वो शाम को कुदरत ने कर दिया
सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) गिरने के बाद से सबसे बड़ी राहत भरी खबर यह है कि धूल और वायु प्रदूषण (Air Pollution) के डर से एमराल्ड कोर्ट समेत आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने रविवार सुबह से बालकनी के दरवाजे बंद कर लिए थे. लेकिन सोमवार की देर शाम हुई तेज बारिश के बाद से बालकनी के खिड़की-दरवाजे खुलने शुरू हो गए हैं. हालांकि बारिश के बाद भी नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने स्प्रिंकल, एंटी स्मॉग गन और पानी के टैंकरों से पानी छिड़कने का काम जारी रखा हुआ है.
नोएडा. ट्विन टावर (Twin Tower) के गिरते ही चारों ओर धूल छा गई थी. पेड़-पौधों तक पर धूल की मोटी परत जम गई थी. हवा में शामिल धूल के कण नुकसान पहुंचा रहे थे. टावर गिरने से पहले नोएडा के सेक्टर-93ए में हवा में पीएम 2.5 (PM 2.5) का लेवल 108 दर्ज किया गया था. जो टावर गिरते ही देर शाम तक 676 के बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था. वायु प्रदूषण (Air Pollution) एकदम एक बढ़ गया. इससे निपटने के लिए नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) और दूसरे इंतजामों से सोमवार शाम तक 50 लाख लीटर पानी का छिड़काव किया जा चुका था. लेकिन पूरी तरह से राहत फिर भी नहीं मिल पा रही थी. लेकिन देर शाम हुई कुदरती बारिश ने वो काम कर दिया जो लाखों लीटर पानी का छिड़काव नहीं कर सका.
अफसर बोले, बारिश से काबू में आया पीएम 2.5
नोएडा में देर शाम हुई झमाझम बारिश से हर कोई खुश है. खासतौर पर वो लोग जो टावर गिरने के बाद से लोगों को वायु प्रदूषण से बचाने में जुटे हुए हैं. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर प्रवीन कुमार ने न्यूज18 हिंदी से बात करते हुए कहा कि बीते 24 घंटे के आंकड़े कुछ ही देर में आ जाएंगे. बाकी अगर बारिश के बाद मौसम को देखते हुए बात करें तो कल रात से बहुत राहत मिली है. खासतौर पर वायु प्रदूषण फैलाने वाले पीएम 2.5 और 10 में भी कमी महसूस हो रही है. अब टावर गिरने के बाद उठी धूल को काबू में लाने के लिए शायद उतनी मेहनत नहीं करती पड़ेगी जितनी सोमवार को बारिश से पहले तक करनी पड़ रही थी.
इस परेशानी से बचने को छिड़का 50 लाख लीटर पानी
दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के रेस्पिरेटरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता की मानें तो ट्विन टावर ब्लास्ट के बाद वहां की हवा में सांस लेने पर लोगों को सांस संबंधी परेशानियां जैसे सांस फूलना, दम घुटना, सांस न ले पाना, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, त्वचा, कान, नाक, आंख में खुजली और जलन, अगर अस्थमैटिक हैं तो अस्थमा का अटैक का आ सकता है.
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सांस नली में सूजन आ सकती है. फेफड़ों में लंबे समय के लिए परेशानी पैदा हो सकती है. इसी को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर की ओर से धूल पर काबू पाने के लिए कई तरह के इंतजाम करने के साथ ही सोमवार की शाम तक 50 लाख लीटर पानी का छिड़काव किया जा चुका था.
बारिश से पहले यह इंतजाम थे धूल से निपटने को
नोएडा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो धूल से निपटने के लिए रविवार और सोमवार को दिनभर वाटर स्प्रिंकल, एंटी स्मॉग गन और पानी के टैंकरों से बौछारें की जा रहीं थी. धूल पर छिड़काव और पौधों की धुलाई का काम लगातार जारी था मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों और सफाई कर्मियों की मदद से सड़कों को लगातार साफ किया जा रहा था.
इस काम के लिए 500 सफाईकर्मी और मजदूरों को तैनात किया गया था. 100 वाटर टैंकरों को काम पर लगाया गया था. रविवार को 350 टैंकर तो सोमवार को 150 टैंकर पानी छिड़का जा चुका था. एक टैंकर से एक बार में 10 हजार लीटर तक पानी छिड़का जा रहा था. इसके अलावा 22 एंटी स्मॉग गन 6 स्वीपिंग मशीनें भी इस काम में लगाई गईं थी.
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Tags: Air pollution, Noida Authority, Supertech twin towerFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 13:16 IST