Dehradun: आदर्श हनुमान मंदिर में दीया जलाने से भरती है सूनी गोद! दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
Dehradun: आदर्श हनुमान मंदिर में दीया जलाने से भरती है सूनी गोद! दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
Shri Adarsh Mandir Dehradun: बजरंगबली के इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो निःसंतान दंपति हैं, यहां लगातार हर मंगलवार को पूजा करते हैं और दीया जलाते हैं, तो उनका काम बन जाता है. यह मंदिर लगभग 90 वर्ष पुराना है.
रिपोर्ट- हिना आजमी
देहरादून. देवभूमि उत्तराखंड में अनेकों सिद्ध मंदिर, सिद्ध पीठ और पावन धाम हैं. वहीं, इस बात के तमाम सबूत हैं कि क्यों इस राज्य को देवभूमि कहा जाता है. राजधानी देहरादून में बजरंगबली का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जिसकी मान्यता है कि यहां निःसंतान दंपतियों की संतान की मुराद पूरी होती है. पटेल नगर में यह आदर्श हनुमान मंदिर (Shri Adarsh Hanuman Temple in Dehradun) स्थित है, जो लगभग 90 वर्ष पुराना है. यहां सिंदूरिया हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु दूरदराज से आते हैं.
इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो निःसंतान दंपति हैं, अगर वो लगातार हर मंगलवार यहां आकर पूजा करते हैं. दीया जलाते हैं, तो उनको संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही यहां विराजमान भगवान हनुमान के दर्शन करने से भक्तों की अन्य मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
90 साल पुराना है मंदिर
आदर्श हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप उनियाल ने बताया कि 90 साल पुराने इस मंदिर में उनके दादा बतौर पुजारी सेवा देते थे और वह तीसरी पीढ़ी हैं. इस मंदिर में लोग दूर-दूर से आते हैं क्योंकि माना जाता है कि यहां लगातार हर मंगलवार आकर बजरंगबली की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जिन लोगों की संतान नहीं होती है, वे लोग भी यहां संतान प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं.
मंदिर आए श्रद्धालु नरेंद्र माटा ने बताया कि उन्हें कोई संतान नहीं है और वो संतान की इच्छा लिए ही यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि यहां लगातार दीया जलाने से संतान की प्राप्ति होती है. वहीं, 75 वर्षीय श्रद्धालु पृथ्वीराज बताते हैं कि वह बचपन से आदर्श हनुमान मंदिर में आ रहे हैं और हर मंगलवार को यहां आकर बजरंगबली की पूजा करते हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में एक कुआं है. काफी समय पहले इसी कुएं से पानी लेकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता था. अब इस कुएं को बंद कर दिया गया है.हनुमान मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है और शाम 8 बजे द्वार बंद कर दिए जाते हैं.
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी।
संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै।
बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
(नोट: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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Tags: Dehradun news, Hanuman Chalisa, Hanuman TempleFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 10:02 IST