Lucknow News: इम्यूनिटी बढ़ाने वाला काढ़ा अब सालों पुराना दर्द भी करेगा छूमंतर! जानें कहां हो रहा फ्री इलाज

लखनऊ के आलमबाग में बने सरकारी लोकबंधु हॉस्पिटल में काढ़े की सिकाई से लोगों के दर्द का इलाज किया जा रहा है. यही नहीं, काढ़ा सालों पुराने हड्डियों के दर्द को कुछ ही दिनों में छूमंतर कर सकता है.

Lucknow News: इम्यूनिटी बढ़ाने वाला काढ़ा अब सालों पुराना दर्द भी करेगा छूमंतर! जानें कहां हो रहा फ्री इलाज
रिपोर्ट-अंजलि सिंह राजपूत लखनऊ. कोरोनावायरस की महामारी से खुद को बचाने के लिए आपने काढ़ा तो बहुत पिया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि यही काढ़ा आपके सालों पुराने हड्डियों के दर्द को कुछ ही दिनों में छूमंतर कर सकता है. कुछ ऐसा ही हो रहा है आलमबाग में बने सरकारी लोकबंधु हॉस्पिटल में, जहां पर काढ़े की सिकाई से लोगों के दर्द का इलाज किया जा रहा है. पंचकर्म यूनिट में आने वाले मरीजों का इलाज दशमूल काढ़े की भाप से सिकाई करके किया जा रहा है. खास बात यह है कि मरीजों को यह इलाज पूरी तरह से निशुल्क दिया जा रहा है.10 से 15 दिन में ही मरीजों का सालों पुराना हड्डी का दर्द जैसे कमर दर्द, पीठ दर्द, सर्वाइकल दर्द और घुटनों के दर्द में राहत मिल रही है. रोजाना यहां पर इलाज के लिए 60 से 70 मरीज आते हैं जिनकी 15-20 मिनट तक सिकाई की जाती है. जबकि यहां पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं. रोज 15 से 20 लीटर काढ़ा तैयार होता है मरीजों को काढ़े की भाप से सिकाई देने के लिए रोजाना यहां पर दस अलग-अलग जड़ी बूटियों से 15 से 20 लीटर काढ़ा तैयार किया जाता है. इसे अस्पताल के चिकित्सक ही तैयार करते हैं. इसी काढ़े को बाद में भाप मशीन में डाल दिया जाता है. उसी के जरिए मरीजों को भाप दी जाती है. दशमूल एक प्रकार का मूल या जड़ें होती है. यह आयुर्वेद की प्रमुख औषधि है जिसे अलग-अलग जड़ी बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है. इस काढ़े में शालपर्णी,पृष्निपर्णी, बृहतीद्वय, कंटकारी, गोखरू, बेल, अग्निमंथ, गंभारी, श्योनाक और पाढल जैसी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इन जड़ी बूटियों को यहां के डॉक्टर्स ही लेकर आते हैं. इस तरह किया जाता है इलाज यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सबसे पहले अगर किसी को घुटने में दर्द है तो उसकी घुटने पर काढ़े की भाप दी जाती है, लेकिन अगर किसी के कमर से लेकर गर्दन तक दर्द है तो उसे एक बॉक्स में बैठाया जाता है. इस बॉक्स से मरीज की गर्दन को बाहर निकाल दिया जाता है. फिर काढ़े से उस बॉक्स में भाप को भेजा जाता है. करीब एक घंटे तक मरीज इसमें बैठता है. इस बॉक्स में आधे कपड़ों में मरीज को बैठाया जाता है, ताकि भाप उसके पूरे शरीर तक पहुंच सके. इसके बाद मरीज को इससे बाहर निकाल दिया जाता है. इसी तरह यहां पर मरीजों की लंबाई के बराबर भी एक बॉक्स है, जिसमें अगर किसी को पूरे शरीर में दर्द हो रहा है तो उसे उसमें लेटाकर मरीज की गर्दन को बाहर निकाल देते हैं, फिर उसमें भाप दी जाती है. इसके अलावा भी एक अन्य बॉक्स है जिसमें मरीजों को बैठा कर अलग-अलग लाइट्स के जरिए उनके शरीर को गर्म किया जाता है, जिससे उनके शरीर से पसीना निकलता है. यह पूरी प्रक्रिया पंचकर्म के तहत आती है. मरीजों को मिल रही राहत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि पंचकर्म को शुरू करने की योजना बहुत पहले से थी, लेकिन इसको जब शुरू किया गया तो सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में मरीज आएंगे. उन्होंने बताया कि मरीजों को इससे फायदा हो रहा है. मरीज बोले चमत्कारी है इलाज लोकबंधु हॉस्पिटल में इलाज कराने आए देवीदीन ने बताया कि उन्हें यहां पर 15 दिन इलाज के लिए कहा गया था. वह लगातार इलाज के लिए यहां पर आ रहे हैं और उनको इससे राहत भी मिल रही है. वहीं, कमलेश शर्मा ने बताया कि यह चमत्कारी इलाज है. दवाइयां खाकर वह थक गए थे. यहां पर 5 से 15 दिन के अंदर ही उनके पुराने दर्द को ठीक कर दिया गया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Government Hospital, Lucknow city, Lucknow News TodayFIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 14:37 IST