कन्नौज: 2019 में ध्वस्त हुआ दशकों पुरान किला चूक गई थीं डिंपल अब क्या फिर
कन्नौज: 2019 में ध्वस्त हुआ दशकों पुरान किला चूक गई थीं डिंपल अब क्या फिर
अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कन्नौज लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया. बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कचहरी पहुंचे अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव एवं अन्य नेता भी मौजूद थे. सपा ने इससे पहले मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था.
कन्नौज: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज की जंग में एक बार फिर कूद पड़े हैं. कन्नौज को 2019 तक मुलायम सिंह यादव परिवार का अपना किला माना जाता था. लेकिन, 2019 के मोदी लहर में यहां से सपा प्रमुख अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव चूक गईं. उन्होंने जनता ने खारिज कर दिया. हालांकि यह हार केवल 12,353 वोटों की थी. अब इस किले को फतह करने खुद अखिलेश मैदान में हैं.
अखिलेश यादव पूर्व में तीन बार कन्नौज से ही सांसद रह चुके हैं. वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में वह पहली बार सांसद चुने गए थे. उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गयी थीं.
वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गयी थीं. अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा.
1999 से मुलायम परिवार
2019 में सपा-बसपा के बीच गठबंधन के बावजूद डिंपल मात खा गई थीं. हालांकि उससे पहले के लगातार छह चुनाव में यहां मुलायम सिंह यादव परिवार के सदस्य की सासंद रहे. 1999 में यहां से मुलायम सिंह यादव सांसद बने. फिर 2000 में यहीं से अखिलेश सांसद चुने गए. फिर वह 2004 और 2009 में सांसद चुने गए. 2012 उनके मुख्यमंत्री बनने यहां से उनकी पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध सांसद चुनी गईं. 2014 के मोदी लहर में यहां से जनता ने डिंपल को ही अपना प्रतिनिधि चुना. हालांकि उस वक्त मुकाबला बेहद कड़ा था. उन्हें करीब 20 हजार वोटों से जीत मिली. फिर 2019 में बाजी पलट गई. भाजपा के सुब्रत पाठक केवल 12 हजार वोटों से डिंपल से चुनाव जीत गए.
2022 के विधानसभा में कांटे की टक्कर
जहां तक कन्नौज की सपा की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो यहां 2022 के विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. यहां भाजपा को 43.8 फीसदी और सपा को 41.7 फीसदी वोट मिले. इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की पांच सीटें हैं, जिसमें से चार पर भाजपा और एक पर सपा का कब्जा है. इस क्षेत्र 13.37 फीसदी मुस्लिम और 22 फीसदी एससी मतदाता हैं. यहां करीब 2.5 लाख यादव मतदाता हैं. यहां राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी ठीकठाक बताई जाती है.
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Tags: Akhilesh yadav, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 19:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed