Azadi Ka Amrit Mahotsav: देशभक्ति दिल से होनी चाहिए सोशल मीडिया से नहीं- स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव तिवारी
Azadi Ka Amrit Mahotsav: देशभक्ति दिल से होनी चाहिए सोशल मीडिया से नहीं- स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव तिवारी
Azadi Ka Amrit Mahotsav: झांसी के स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव तिवारी ने आजाद भारत को बढ़ते और बदलते देखा है. वह झांसी शहर में अकेले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्हें सरकार से पेंशन मिलती हैं. जानें उन्होंने क्या कहा?
रिपोर्ट-शाश्वत सिंह
झांसी. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. सभी देशवासी अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं, लेकिन सौभाग्य से आज भी कुछ स्वतंत्रता सेनानी हमारे बीच मौजूद हैं. उन्होंने इस देश को आजाद होते हुए देखा है. वह इस देश की 75 साल की गौरवशाली यात्रा के गवाह बने हैं. भारत को विकास के पथ पर बढ़ते हुए देखा है. ऐसे ही झांसी के एक स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव तिवारी हैं.1928 में जन्मे सत्यदेव उन चुनिंदा स्वतंत्रता सेनानियों में से हैं जो आज भी जीवित हैं और जिन्होंने आजाद भारत को बढ़ते और बदलते देखा है. रिकॉर्ड्स के अनुसार वे झांसी शहर में अकेले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्हें शासन की तरफ से पेंशन दी जा रही है. आजादी के इस अमृत महोत्सव पर NEWS 18 LOCAL ने सत्यदेव तिवारी से खास बातचीत की.
सत्यदेव तिवारी ने बताया कि उनके परिवार की तीन पीढियां स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रही हैं. उनके दादा और पिता भी स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से लड़े थे और कुर्बानी दी थी. अपने माता पिता को देश की आजादी के लिए लड़ते देख वह भी संग्राम में कूद पड़े. सत्यदेव तिवारी ने कहा कि आजादी मिलने का सबसे बड़े कारण सत्याग्रह और अहिंसा थी. उन्होंने कहा कि हिंसा और बंदूक के आधार पर जितने भी देश आजाद हुए आज उनकी हालत हम सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने भी बंदूक के दम पर आजादी लानी चाही, लेकिन वे सिर्फ बर्मा तक ही पहुंच पाए थे.
देशभक्ति दिल से होनी चाहिए, सोशल मीडिया से नहीं
सत्यदेव तिवारी ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को वह अपने साथियों के साथ झांसी किले पर गए और ध्वज लहराया. वे 2017 तक हर साल किले पर जाकर ध्वजवंदन कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे, लेकिन कुछ सालों से स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह इस कार्यक्रम में नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव तो मना रहे हैं, लेकिन युवाओं में उत्साह और उल्लास नहीं दिखाई देता. उन्होंने कहा कि देशभक्ति की भावना दिल से आनी चाहिए, सिर्फ सोशल मीडिया पर फोटो लगाकर नहीं.
नैतिक स्तर में आई गिरावट
स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव तिवारी ने कहा कि 75 सालों में देश का विकास तो हुआ है, लेकिन नैतिक स्तर में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य पर बहुत काम करने की जरूरत है. राजनैतिक दल भी आपसी रंजिश से ऊपर उठकर देश के विकास के लिए पूरी ईमानदारी से काम करें.
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Tags: Azadi Ka Amrit Mahotsav, Independence day, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : August 12, 2022, 11:17 IST