Ayodhya: लावारिस लाशों ने दिलाया शरीफ चाचा को पद्मश्री अवार्ड जानिए कौन हैं मोहम्मद शरीफ

अयोध्या के रहने वाले मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है. वह करीब 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं. मोहम्मद शरीफ इस काम के लिए पद्मश्री अवार्ड भी मिल चुका है.

Ayodhya: लावारिस लाशों ने दिलाया शरीफ चाचा को पद्मश्री अवार्ड जानिए कौन हैं मोहम्मद शरीफ
रिपोर्ट-सर्वेश श्रीवास्तव अयोध्या. हम सभी को आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए, इससे ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है. आज हम आपको मिलवाएंगे समाज को बेहतरीन संदेश देने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ (Mohammed Sharif) से. हालांकि उन्‍हें अयोध्या के लोगों ने शरीफ चाचा का नाम दिया हुआ है. इसके अलावा मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है. वह लगभग 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इसके लिए मोहम्मद शरीफ को देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था. वहीं, देशवासियों से अपील करते हुए 85 वर्षीय शरीफ चाचा ने कहा कि सबको अपने मां-बाप की इज्जत और समाज की सेवा करनी चाहिए. वहीं अब शरीफ चाचा का बीड़ा उठाते हुए उनके बेटे मोहम्मद सगीर ने कहा कि हम भी अपने पिता की राह पर चलते हुए इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भी लावारिस लाश आती हैं उनके धर्म के अनुसार हम अंतिम संस्कार करवाते हैं. धर्म के अनुसार करवाया अंतिम संस्कार मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहने वाले हैं. शरीफ चाचा 28 वर्ष पहले एक साइकिल मिस्त्री की दुकान चलाते थे, लेकिन हालात और परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की एक साइकिल मकैनिक को लावारिस लाशों का मसीहा बना दिया. उन्‍होंने कभी जाति और धर्म के बंधन को नहीं माना, वहीं सभी लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया. जानिए शरीफ चाचा कैसे बने लावारिस लाशों के मसीहा न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए शरीफ चाचा ने बताया कि 28 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी और वहां पर किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और लावारिस समझ कर उसको नदी में प्रवाह कर दिया था. तभी से मैंने कसम खाई थी कि अयोध्या और फैजाबाद में कोई भी लावारिस लाश चाहें हिंदू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार विधि विधान से करेंगे और तब से अब तक लगभग 25000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं. अब बचे हैं सिर्फ 2 बेटे मोहम्मद शरीफ के चार पुत्र थे. एक पुत्र मोहम्मद रईस को सुलतानपुर में खो चुके हैं. जबकि दूसरे पुत्र नियाज की हृदयगति रूकने से मौत हो गई थी. अब शरीफ चाचा के 2 बेटे ही सहारा बचे हैं. मोहम्मद शगीर स्कूल की गाड़ी चला कर अपना परिवार चला रहे हैं, तो मोहम्मद जमील अपने पिता के साथ रहते हैं. शरीफ चाचा के खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से उनके बेटे लोगों की आर्थिक मदद से इस नेक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. शरीफ चाचा पद्मश्री से हो चुके हैं सम्मानित शरीफ चाचा बताते हैं कि हमारे इस सामाजिक कार्य के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वहां पर कई लोगों ने हमारी तारीफ की और कहा कि ऐसा काम अभी तक किसी ने नहीं किया. इस नाते आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है. वहीं, अगर आप भी शरीफ चाचा की मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9956321923 कर सकते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Ayodhya News, Padma Shri AwardFIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 15:11 IST