नकली नोट फैक्ट्री RSS के खिलाफ किताब छापेमारी में मदरसे से क्या-क्या मिला

Prayagraj Madarsa News : नकली नोट फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद सुर्खियों में आए मदरसा जामिया हबीबिया से आपत्तिजनक साहित्य मिलने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. मदरसे में आरएसएस को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन बताने वाली किताब भी मिली. मदरसा जामिया हबीबिया करीब 84 साल पुराना है. आइये जानते हैं कि छापेमारी में जांच एजेंसियों को क्या-क्या मिला?

नकली नोट फैक्ट्री RSS के खिलाफ किताब छापेमारी में मदरसे से क्या-क्या मिला
प्रयागराज. नकली नोट फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद सुर्खियों में आए मदरसा जामिया हबीबिया से आपत्तिजनक साहित्य मिलने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. एलआईयू की तीन सदस्यीय टीम मदरसा जामिया हबीबिया पहुंची. जामिया हबीबिया में क्लर्क मोहम्मद अतीक और कर्मचारी तौसीफ से पूछताछ की. नकली नोट फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद मदरसे के बैंक अकाउंट की जांच पड़ताल हो रही है. मदरसे के बैंक पासबुक और चेक बुक के ट्रांजेक्शन को लेकर पूछताछ की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विदेशी फंडिंग या आतंकी कनेक्शन तो नहीं है. मदरसे के क्लर्क मोहम्मद अतीक के मुताबिक मदरसे के कुल तीन बैंक अकाउंट है. एसबीआई, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और इंडियन बैंक में तीन बैंक अकाउंट में लगभग 40 लाख रुपए जमा है. उनके मुताबिक मदरसे की सोसाइटी अंजुमने जामिया हबीबिया मस्जिदे आज़म में जो डोनेशन मिलता है, वह पहले वह बैंक खातों में भेजा जाता है. बैंक खातों से निकाल कर यह रकम खर्च की जाती है. क्लर्क मोहम्मद अतीक के मुताबिक हर महीने मदरसे के संचालन पर साढ़े तीन से चार लाख रुपए खर्च होता है. मदरसे में पढ़ने वाले 105 छात्रों के आधार कार्ड लिए जा रहे हैं, ताकि उनके एड्रेस को वेरीफाई किया जा सके. मदरसे में यूपी, बिहार और उड़ीसा समेत कई राज्यों के बच्चे दीनी तालीम हासिल करते हैं. कर्मचारी और अन्य स्टाफ के डॉक्यूमेंट की भी जांच की जा रही है. मदरसे के अंदर जांच टीम को मिली लाल डायरी मदरसे के अंदर अकाउंटेंट के कमरे से जांच टीम को लाल डायरी मिली है. बताया जा रहा है कि लाल डायरी में मदरसे का लेखा-जोखा मौजूद है. मदरसे में लाल रंग की डायरी के अलावा कई बही खाते भी लाल रंग के मिले हैं, जिसमें मदरसे को मिलने वाली अनुदान राशि और खर्च का ब्योरा दर्ज है. न्यूज 18 की टीम मदरसे के अकाउंटेंट के उस कमरे तक पहुंची जहां पर यह लाल डायरी और दूसरे बही खाते रखे हुए थे. मदरसा जामिया हबीबिया करीब 84 साल पुराना है. यह यूपी मदरसा बोर्ड से बगैर मान्यता के संचालित हो रहा था. यह केवल फर्म्स सोसाइटी एंड चिट्स के असिस्टेंट रजिस्ट्रार के रजिस्ट्रेशन पर संचालित हो रहा है. मदरसे में नकली नोटों की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. यह मदरसा प्रयागराज पुलिस के साथ ही इंटेलिजेंस एजेंसियों के भी निशाने पर आ गया है. मदरसे में छापेमारी में मिले कई आपत्तिजनक साहित्य मदरसे में आरएसएस को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन बताने वाली किताब मिली थी. पुस्तक का टाइटल “आर एस एस” देश का सबसे बड़ा संगठन है. इस पुस्तक में आरएसएस को लेकर कई आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं. मूल पुस्तक उर्दू भाषा में लिखी गई है जबकि इसका हिंदी अनुवाद भी है. पुस्तक कार्यवाहक प्रिंसिपल मोहम्मद तफ़सीरुल आरीफीन के कमरे से मिली. सूत्रों के मुताबिक कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन यह पुस्तक पढ़ता था. तफसीरुल के कमरे से और भी कई आपत्तिजनक साहित्य मिले हैं. कई स्पीड पोस्ट की पर्चियां मिली है. पुलिस पर्चियां के आधार पर एड्रेस वेरीफाई कर रही है. मदरसे की पहली मंजिल पर एक कमरे में 100-100 के नकली नोट छापे जा रहे थे. पुलिस ने मास्टरमाइंड जहीर खान, कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद तफसीरुल आरिफ व अन्य को गिरफ्तार किया था. Tags: Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 20:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed