जगन्नाथ मंदिर के रहस्य! अब रत्न भंडार में मिली यह खास चीज राजाओं से कनेक्शन
जगन्नाथ मंदिर के रहस्य! अब रत्न भंडार में मिली यह खास चीज राजाओं से कनेक्शन
Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar: जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में गुरुवार को कीमती चीजें हटाते समय कुछ पुराने हथियार मिले हैं. इनमें तलवारें और भाले जैसी चीजें शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल पुराने समय में लड़ाईयों में होता था.
भुवनेश्वर: पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार का रहस्य बरकरार है. क्या रत्न भंडार में सीक्रेट सुरंग है, क्या रत्न भंडार में खजानों से भरा कोई सीक्रेट रूम है? अब इन रहस्यों से एएसआई पर्दा हटाएगा. इस बीच जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से एक ऐसी चीज मिली है, जिससे राजाओं के इस मंदिर से रिश्तों की झलक मिलती है. दरअसल, रत्न भंडार में गुरुवार को कीमती चीजें हटाते समय कुछ पुराने हथियार मिले हैं. इनमें तलवारें और भाले जैसी चीजें शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल पुराने समय में लड़ाईयों में होता था. इस खोज ने उस पुरानी मान्यता को और मजबूत कर दिया है कि राजा युद्ध जीतने के बाद मंदिर में सोना और दूसरी कीमती चीजें चढ़ाते थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रत्न भंडार में जाने वाली 11 सदस्यीय समिति के एक सदस्य की मानें तो 14 जुलाई को हमें रत्न भंडार में कुछ पुरानी मूर्तियां मिली थीं. गुरुवार को कीमती चीजें हटाते समय हमें अंदरूनी कक्ष में एक लकड़ी के संदूक के पास कुछ तलवारें और भाले मिले. ये हथियार बहुत भारी थे और काले पड़ चुके थे. बता दें कि रत्न भंडार 46 साल से बंद था. राज्य सरकार ने इसे 14 जुलाई को मरम्मत और सामानों की सूची बनाने के लिए फिर से खोला था.
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कहां रखे गए हथियार?
मीडिया से बातचीत में रत्न भंडार निगरानी समिति के अध्यक्ष बिश्वनाथ रथ ने कहा कि हमने युद्ध की इन चीजों को सावधानी से सील कर दिया है और अस्थायी तिजोरी में रखवा दिया है. हालांकि ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बिश्वनाथ रथ ने हथियारों, उनकी संख्या या उनके काल के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी. दरअसल, रत्न भंडार से हथियारों का मिलना 12वीं शताब्दी के इस जगन्नाथ मंदिर और अतीत में इस क्षेत्र पर राज करने वाले राजाओं के बीच संबंधों को बताता है. इससे पता चलता है कि सदियों से ये राजा कितनी संपत्ति जमा करते रहे होंगे.
मंदिर पर कितनी बार आक्रमण?
वहीं, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि पूर्वी गंग वंश के अनंतवर्मन चोडगंग देव ने 1190 के दशक में पुरी मंदिर का निर्माण करवाया था. 214 फुट ऊंचा यह मंदिर 10.7 एकड़ में फैला हुआ है और इसके परिसर में 95 छोटे-छोटे मंदिर हैं. मंदिर के एक सेवक श्यामा महापात्र के मुताबिक, जगन्नाथ मंदिर पर इतिहास में 18 बार आक्रमण और लूटपाट हुई है. आक्रमणकारियों के लिए यह मंदिर धन का एक बड़ा स्रोत था. मंदिर की रक्षा के लिए तत्कालीन राजाओं ने इन प्राचीन हथियारों को रत्न भंडार में रखवाया होगा.
46 साल बाद दो बार खुला रत्न भंडार
बता दें कि पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के प्रतिष्ठित खजाने ‘रत्न भंडार’ को उसके कीमती सामान को एक अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम’ में ट्रांसफर करने के लिए गुरुवार को दूसरी बार खोला गया था. भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन… भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना करने के बाद, रत्न भंडार से कीमती सामान को दूसरी जगह रखने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा गठित पर्यवेक्षण समिति के सदस्यों ने सुबह करीब नौ बजे मंदिर में प्रवेश किया. इसके बाद सात घंटे तक यह टीम अंदर थी. इससे पहले 46 साल बाद 14 जुलाई को रत्न भंडार खोला गया था.
Tags: Jagannath mandir, Jagannath Temple, Odisha newsFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 09:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed