7 साल पुष्य नक्षत्र में गंगा सप्तमी इस विधि और दुर्लभ योग में करें पूजा!

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई को रात्रि 2:51 से शुरू होकर 14 मई 4:20 पर समाप्त होगा. इस बार लगभग 7 साल बाद गंगा सप्तमी पर पुष्य नक्षत्र और प्रवर्धमान योग का निर्माण हो रहा है जो काफी फलदायी माना जाता है.

7 साल पुष्य नक्षत्र में गंगा सप्तमी इस विधि और दुर्लभ योग में करें पूजा!
अयोध्या: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. इस साल गंगा सप्तमी 14 मई को है. नाम के अनुसार यह पर्व मां गंगा को समर्पित है. इस दिन सुबह स्नान के बाद जातक मां गंगा की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से 7 जन्मों में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं. ज्योतिष गणना के मुताबिक इस बार गंगा सप्तमी पर 7 साल बाद पुष्य नक्षत्र और प्रवर्धमान योग बन रहा है. इस दिन विभिन्न घाटों पर मां गंगा की पूजा और आरती होती है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शंकर की जटाओं से धरती पर अवतरित हुई थी. भारत देश में सभी पवित्र नदियों में मां गंगा सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई को रात्रि 2:51 से शुरू होकर 14 मई 4:20 पर समाप्त होगा. इस बार लगभग 7 साल बाद गंगा सप्तमी पर पुष्य नक्षत्र और प्रवर्धमान योग का निर्माण हो रहा है जो काफी फलदायी माना जाता है. ऐसे करें मां गंगा की पूजा पंडित कल्कि राम ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए. दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गंध व कुश लेकर गंगा सप्तमी व्रत का संकल्प लेना चाहिए. मां गंगा को धूप, दीप, पुष्प आदि नैवेद्य आदि अर्पित कर पूजा करनी चाहिए. गंगा उत्पत्ति की कथा का श्रवण करना चाहिए. श्री गंगा स्तुति और श्री गंगा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. दान-पुण्य भी करना चाहिए. Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 17:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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