राष्ट्रपति चुनाव 2022: द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हुई बंपर क्रॉस वोटिंग एकबार फिर खुली विपक्षी एकता की पोल

Droupadi Murmu Elects New President of India: कई क्षेत्रीय दलों ने, भाजपा के खिलाफ अपने पॉलिटिकल स्टैंड के बावजूद, राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू को देखने की इच्छा व्यक्त की थी. एनडीए उम्मीदवार ने कुल 4701 वैध मतों में से 2824 मत हासिल किए, जबकि संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में सिर्फ 1877 मत पड़े. मुर्मू ने कुल वैध मतों का 64.03 प्रतिशत हासिल किया.

राष्ट्रपति चुनाव 2022: द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हुई बंपर क्रॉस वोटिंग एकबार फिर खुली विपक्षी एकता की पोल
नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में गुरुवार को वोटों की गिनती समाप्त होने के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की शानदार जीत में क्रॉस वोटिंग से भी काफी मदद मिली. यह विपक्षी दलों में विभाजन और भ्रम का भी सबूत था. सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि संसद के दोनों सदनों के 17 सांसदों और राज्यों के 126 विधायकों ने संबंधित पार्टी लाइनों की अवहेलना की और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. कई क्षेत्रीय दलों ने, भाजपा के खिलाफ अपने पॉलिटिकल स्टैंड के बावजूद, राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू को देखने की इच्छा व्यक्त की थी. एनडीए उम्मीदवार ने कुल 4701 वैध मतों में से 2824 मत हासिल किए, जबकि संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में सिर्फ 1877 मत पड़े. मुर्मू ने कुल वैध मतों का 64.03 प्रतिशत हासिल किया, जो कि 2017 में निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से कम है. उन्हें कुल मतदान का 65.65 प्रतिशत हासिल हुआ था. बीजेपी नेताओं के मुताबिक गुजरात के 10, असम के 22, उत्तर प्रदेश के 12, बिहार और छत्तीसगढ़ के 6-6 और गोवा के 4 विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक विवरण राज्यवार मतदान पैटर्न के गहन मूल्यांकन के बाद ही उपलब्ध होगा. यशवंत सिन्हा को अपेक्षित वोट नहीं मिलने से विपक्ष की एकता पर सवालिया निशान लग गया है. लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि उनमें से कई के पास अपने आदिवासी जनसमर्थन की रक्षा के लिए, मुर्मू के साथ खड़े होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम में नहीं खुला यशवंत सिन्हा का खाता द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम में पूरे सदन का समर्थन हासिल किया. क्योंकि यशवंत सिन्हा ने इन राज्यों से एक भी सदस्य का वोट हासिल नहीं हुआ. मुर्मू ने केरल से भी एक वोट भी हासिल किया, एक ऐसा राज्य जहां भाजपा विधानसभा या लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सकी. तेलंगाना में, एक राज्य जहां भाजपा एक विकल्प के रूप में उभरने की उम्मीद करती है, एनडीए उम्मीदवार को केवल 3 वोट मिले, जबकि सिन्हा को 113 वोट मिले. अवैध वोटों की संख्या भी 2017 में 77 से घटकर इस चुनाव में 53 हो गई. जब मतगणना चल रही थी, भाजपा नेताओं ने दावा किया कि द्रौपदी मुर्मू निर्वाचक मंडल का लगभग 70 प्रतिशत वोट हासिल करेंगी. लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सत्ता जाने और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भाजपा की सीटों में गिरावट ने एनडीए उम्मीदवार के मतों में गिरावट में योगदान दिया. NDA उम्मीदवार के लिए कुछ राज्यों में मत कम हुए, तो कुछ राज्यों में बढ़े उदाहरण के लिए, 2017 में, कोविंद को राजस्थान में 166 वोट मिले थे, जो इस बार घटकर 75 रह गए; तमिलनाडु में जहां भाजपा के सहयोगी अन्नाद्रमुक को द्रमुक ने हराया था, वहां वोटों की संख्या 2017 के 134 से गिरकर 75 हो गई. यह संख्या महाराष्ट्र में 280 से 181; गुजरात में 132 से गिरकर 121 पर आ गई. मध्य प्रदेश में 171 से 146 और पंजाब में जहां AAP सत्ता में आई, एनडीए उम्मीदवार को 2017 में 18 के मुकाबले केवल 8 वोट ही हासिल ​हुए. पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में जहां भाजपा पिछले चुनावों में मजबूत होकर उभरी, द्रौपदी मुर्मू को 71 वोट मिले- 2017 में यह सिर्फ 11 था. कर्नाटक में, यह संख्या 56 से 150 हो गई. 2017 में, रामनाथ कोविंद को 522 सांसदों का समर्थन प्राप्त था. इस बार 540 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Draupadi murmu, Presidential election 2022, Yashwant sinhaFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 08:16 IST