राष्ट्रपति मुर्मू एक किमी पैदल चलीं भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए देश के कल्याण के लिए की प्रार्थना
राष्ट्रपति मुर्मू एक किमी पैदल चलीं भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए देश के कल्याण के लिए की प्रार्थना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां ग्रांड रोड पर करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचीं और उन्होंने देश के कल्याण के लिए प्रार्थना की. मुर्मू के दौरे के कारण आम लोगों के लिए मंदिर को सुबह 10:30 बजे से दोपहर एक बजे तक बंद रखा गया.
पुरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां ग्रांड रोड पर करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचीं और उन्होंने देश के कल्याण के लिए प्रार्थना की. मुर्मू के दौरे के कारण आम लोगों के लिए मंदिर को सुबह 10:30 बजे से दोपहर एक बजे तक बंद रखा गया. हालांकि सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंदिर जाने वाली सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध खड़े होकर राष्ट्रपति का अभिवादन किया. ओडिशा के मयूरभंज जिले से ताल्लुक रखने वाली और आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू ने मंदिर के सिंहद्वार के सामने 34 फुट ऊंचे अरुण स्तंभ को छुआ. उन्होंने भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की प्रतिमाओं के समक्ष घुटने के बल बैठकर (धोक लगाकर) प्रार्थना की.
आज दिन में भुवनेश्वर पहुंचीं राष्ट्रपति ने उस समय अपने सुरक्षाकर्मियों को चौंका दिया जब वह बीच में अपने काफिले को रोककर गाड़ी से उतरीं और आम श्रद्धालु की तरह पैदल मंदिर की ओर चलने लगीं. वह भगवान जगन्नाथ का जयकारा लगाती हुईं हाथ ऊपर करके चल रही थीं. उन्होंने रास्तों में खड़े लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया. मंदिर के रास्ते में मुर्मू ने ग्रांड रोड के किनारे इंतजार कर रहे उत्कल हिंदी विद्यालय के छात्रों के पास पहुंचकर उनसे और उनके शिक्षकों से बातचीत की. उन्होंने बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाई. मुर्मू स्वयं 1990 के दशक में शिक्षक के रूप में काम कर चुकी हैं.
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सिंहद्वार पर पहुंचने पर पुरी के गजपति महाराजा दिब्य सिंह देव, मंदिर के पुजारियों और सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. देव ने उन्हें मंदिर की ओर से एक पेंटिंग भेंट की. जब राष्ट्रपति के नमस्ते कहने पर गजपति महाराजा ने असहजता प्रकट की तो मुर्मू ने कहा, ‘‘आप भगवान जगन्नाथ के पहले सेवक हैं और साक्षात ईश्वर स्वरूप हैं.’ मुर्मू ने भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए सिंहद्वार पर धोक दिया और आम श्रद्धालुओं की तरह अपने पैर धोकर मंदिर में प्रवेश किया. उन्होंने मंदिर जाते समय सभी 22 सीढ़ियों को हाथ से छुआ. यह जानकारी राष्ट्रपति के पारिवारिक पुजारी राजरतन महापात्र ने दी.
पुजारी ने कहा, ‘‘हम गर्भगृह तक राष्ट्रपति के साथ गये जहां उन्होंने दीया प्रज्ज्वलित किया और करीब 15 मिनट तक प्रार्थना की.’’ उन्होंने बताया कि मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ को तुलसी की माला, महालक्ष्मी मंदिर में कमल के फूल की माला और मां बिमला मंदिर में गुड़हल के पुष्पों की माला चढ़ाई. राष्ट्रपति के साथ उनकी बेटी इतिश्री भी थीं.
मुर्मू ने अपने परिवार के पुजारी के पास रखी पुस्तिका में ओडिया में लिखा, ‘‘मैं मंदिर परिसर में देवी देवताओं के दर्शन करके सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं. मुझे भगवान जगन्नाथ की प्रार्थना करके अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई जो सभी ओडिशा वासियों के देवता हैं. महाप्रभु आदिवासियों के ‘दारु देवता’ (पेड़ की लकड़ी में बसे देवता) और पूरी दुनिया के देवता हैं. मैं उनसे पूरी मानव जाति के कल्याण की प्रार्थना करती हूं. हमारा देश भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से समृद्धि और विकास के शीर्ष पर पहुंचे.’’ In a rare gesture, President Droupadi Murmu walked about two kilometers to seek the blessings of Lord Jagannath at Puri. Devotees greeted the President on her way to the temple. pic.twitter.com/b6C8IQQZnr
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 10, 2022
मंदिर से निकलते समय राष्ट्रपति ने सिंहद्वार के पास उत्कलमणि गोप बंधु दास की प्रतिमा पर मार्ल्यापण किया जिसकी स्थापना 1934 में महात्मा गांधी ने की थी. महापात्र ने कहा कि मुर्मू कई बार मंदिर आ चुकी हैं. वह विधायक के रूप में, मंत्री के रूप में और झारखंड की राज्यपाल के रूप में मंदिर में दर्शन करने आ चुकी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी मौकों पर उनके साथ रहा हूं. लेकिन इस बार वह आध्यात्मिकता में डूबी हुई और अत्यंत भावुक नजर आ रही थीं.’’
राष्ट्रपति की पुरी यात्रा के लिए पुलिस की 25 से अधिक टुकड़ियां तैनात की गयी हैं. पुरी से भुवनेश्वर रवाना होने से पहले राष्ट्रपति यहां राज भवन गयीं जहां उन्होंने ‘महाप्रसाद’ ग्रहण किया. राष्ट्रपति के भुवनेश्वर हवाई अड्डे पहुंचने पर उनका स्वागत ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया.
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Tags: Jagannath Temple, President Draupadi Murmu, President of IndiaFIRST PUBLISHED : November 10, 2022, 20:11 IST