Success Story: पिता चलाते हैं वेल्डिंग की दुकान बेटा अब BIS में करेगा खरेपन का पैमाना तैयार

Success Story: मध्‍य प्रदेश के रतलाम जिले के ढोढर के पास छोटे से गांव पिपल्याजोधा में रहने वाले 22 वर्षीय प्रदीप शर्मा का बीआईएस में साइंटिस्ट-बी के तौर पर चयन हुआ है. जबकि प्रदीप के पिता और भाई गांव में वेल्डिंग की छोटी-सी दुकान चलाते हैं. आइए जानें पूरी कहानी.

Success Story: पिता चलाते हैं वेल्डिंग की दुकान बेटा अब BIS में करेगा खरेपन का पैमाना तैयार
रिपोर्ट – जयदीप गुर्जर रतलाम. पढ़ाई में अपनी रुचि और लगन से रतलाम के युवा ने जिले का नाम प्रदेशभर में रोशन किया है. हम बात कर रहे हैं ढोढर के पास छोटे से गांव पिपल्याजोधा में रहने वाले 22 वर्षीय प्रदीप शर्मा की. उनके पिता गोपाल शर्मा और भाई देवीलाल गांव में वेल्डिंग की छोटी-सी दुकान चलाते हैं, लेकिन अब प्रदीप देशभर की एग्रीकल्चर मशीनरी पर आईएसआई मार्क (भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी मानक प्रमाणीकरण चिन्ह) लगाना तय करेंगे. बता दें कि प्रदीप ने जबलपुर कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय से बीटेक किया है. इसके बाद प्राइवेट सेक्टर में जॉब की तलाश की. इस बीच 2004 के बाद पहली बार 2022 में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग सेक्टर में भारतीय मानक ब्यूरो ( Bureau Of Indian Standards) की वैकेंसी निकली. प्रदीप की किस्मत व मेहनत ने साथ दिया और उसने पहली बार में वैज्ञानिक पद हासिल कर लिया. आपको बता दें कि BIS में वैज्ञानिक पद चयन प्रक्रिया में गेट एग्जाम से रैंकर्स को शार्ट लिस्टेड किया जाता है. 2022 में हुए गेट एग्जाम में देशभर से 7500 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे जिनमें से करीब 300 से 400 ने बीआईएस में साइंटिस्ट-बी के लिए आवेदन किया था. ऐसे मारी प्रदीप शर्मा ने बाजी बेस्ट रैंक के आधार पर 8 युवाओं को शॅर्ट लिस्टेड किया था. इंटरव्यू में देशभर से केवल दो युवा एक रतलाम से प्रदीप शर्मा और दूसरे देहरादून के विक्रांत चौहान चयनित हुए. दोनों भारतीय मानक ब्यूरो में वैज्ञानिक यानी साइंटिस्ट बन गए हैं. प्रदीप ने गेट में ऑल इंडिया 2 रैंक हासिल की. बता दें कि देशभर में भारतीय मानक ब्यूरो में 600 वैज्ञानिक हैं. जबकि नई दिल्ली में इसका हेड ऑफिस है. प्रदीप फिलहाल दिल्ली में अपने काम की ट्रेनिंग ले रहे हैं. दरअसल कौन-सी मशीनरी स्टैंडर्ड मानक पर खरी है या फिर उसकी क्वालिटी वास्तव में उतनी अच्छी है कि नहीं यह आईएसआई (ISI MARK) मार्किंग से तय किया जाता है. बड़े भाई ने हमेशा किया सपोर्ट तो बदली किस्‍मत प्रदीप ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि उनकी रुचि शुरू से मशीनों में रही है. पिता व भाई किसानी के साथ वेल्डिंग का कार्य भी करते हैं. जबकि वह भी शुरू से वेल्डिंग में हाथ बंटाते रहे हैं. बड़े भाई देवीलाल ने हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. मशीनरी में रुचि को देखते हुए उत्कृष्ट स्कूल से 12वीं के बाद MPPAT को क्लियर कर जबलपुर कृषि अभियांत्रि की महाविद्यालय से बीटेक किया. इसी दौरान पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आईआईटी में एडमिशन के लिए गेट की एग्जाम दिया. आईआईटी बॉम्बे में चयन भी हुआ, लेकिन वहां पर पढ़ाई करते हुए डेढ़ माह हुआ है और अब बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) में वैज्ञानिक पद पर चयन हो गया. अब प्रदीप शर्मा बतौर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग फील्‍ड के वैज्ञानिक के तौर पर पदस्थ होंगे. प्रदीप के मुताबिक, 25 मिनट में 25 प्रश्न इंटरव्यू में पूछे गए थे. इस इंटरव्यू में एमपीपीएससी या यूपीपीएससी की तरह जीके से रिलेटेड नहीं बल्कि टेक्निकल नॉलेज वाले प्रश्न पूछे गए थे. मुझे 150 में से 125 स्कोर मिला है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Mp news, Ratlam news, Success StoryFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 16:39 IST