Exclusive: आपको चौंका देगी पीएफआई की खतरनाक रणनीति देश को बर्बाद करने का ये था प्लान
Exclusive: आपको चौंका देगी पीएफआई की खतरनाक रणनीति देश को बर्बाद करने का ये था प्लान
Popular Front of India: विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया देश को बड़ा आघात पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रहा था. इसने देश को नुकसान पहुंचाने के लिए चौंकाने वाली 4-स्तरीय रणनीति तैयार की थी. इसकी रणनीति में राजनीति के साथ-साथ न्यायपालिका और सेना भी निशाने पर थी. यह सभी जगह अपने वफादार लोगों की घुसपैठ कराकर देश को नुकसान पहुंचाते.
हाइलाइट्सपीएफआई की चौंकाने वाली रणनीति आई सामने4-स्तरों पर काम कर रहा था विवादित संगठनदेश को हर तरह से नुकसान पहुंचाने की साजिश
नई दिल्ली. अगर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की रणनीति सफल हो जाती तो देश को होने वाले नुकसान का अंदाजा भी नहीं लगता. चौंकाने और आगाह करने वाली इस रणनीति में पीएफआई संगठन चार स्तरों पर काम कर रहा था. पहला, मुस्लिमों को अत्याचारों की याद दिलाना और हथियारों का परीक्षण देना. दूसरा, उसकी शिकायतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना, तीसरा, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और ओबीसी के बीच मतभेद पैदा करना. चौथा, न्यायपालिका, सेना, पुलिस और राजनीति में वफादार मुस्लिमों की घुसपैठ कराना.
up24x7news.com के हाथ पीएफआई 4-स्तरीय रणनीति उस वक्त हाथ लगी, जब संगठन के पदाधिकारियों ने ‘भोर से शाम तक हड़ताल’ की अपील की. बता दें, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) के नेतृत्व में कई टीमों ने पीएफआई के 15 ठिकानों पर छापे मारे और 106 लोगों को गिरफ्तार किया. सबसे ज्यादा 22 लोग केरल से गिरफ्तार हुए, क्योंकि यहां पीएफआई देश के बाकी राज्यों से मजबूत स्थिति में है. इन सभी गिरफ्तार लोगों पर देश में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप है.
यह है पहले चरण की रणनीति
सूत्र बताते हैं कि पहले चरण में पीएफआई ने मुस्लिमों को अपने नेतृत्व में लेने की कोशिश की. उन्होंने मुस्लिम समुदाए को उनके दुख और अत्याचार याद दिलाए. पीएफआई ने कथित रूप से यह कोशिश की कि वह मुस्लिम समुदाय को यह सोचने पर मजबूर कर दें कि केवल वह ही उनका नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि यह विवादित संगठन युवाओं को लोहे की रॉड से मारने और अन्य हथियार चलाने का प्रशिक्षण देना चाहता था.
हैरान करने वाला दूसरा चरण
दूसरे चरण में पीएफआई चाहता था कि मुस्लिमों के मुद्दों को उसके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जाए. संगठन को यकीन था कि समय-समय पर होने वाली हिंसा मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचारों को प्रदर्शित करती. पीएफआई ने कथित रूप से यह सलाह भी दी थी कि बड़े लक्ष्य के लिए खुद को होने वाली क्षति को ज्यादा तवज्जो न दो.
ये थी तीसरे और चौथे चरण की रणनीति
तीसरे चरण की रणनीति के तहत पीएफआई के सदस्यों से कहा गया था कि वे अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्ग के हिंदुओं का साथे दें. उनके और आरएसएस के बीच दूरियां पैदा करें. इसके साथ ही उनसे हथियार जुटाने के लिए भी कहा गया. चौथे चरण की रणनीति में संगठन चाहता था कि उसके वफादार लोग न्यायपालिका, पुलिस, सेना और राजनीति में घुसपैठ कर लें, ताकि धीरे-धीरे इस्लामिक सिद्धांतों पर आधारित संविधान बनाया जा सके. इसमें हथियारों और सिस्टम का भरपूर इस्तेमाल किया जाता.
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Tags: New Delhi news, PFIFIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 18:51 IST