ये हैं PFI के टॉप लीडर्स आतंकी संबंधों के चलते सभी पर लगा बैन जानें कौन कहां था एक्टिव
ये हैं PFI के टॉप लीडर्स आतंकी संबंधों के चलते सभी पर लगा बैन जानें कौन कहां था एक्टिव
Popular Front of India Banned: पीएफआई के कुछ शीर्ष नेताओं और पदाधिकारियों व उनके प्रोफाइल की बात करें तो जांच एजेंसियों की ओर से इस माह ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान इन नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है. इनके टॉप लीडर्स में 9 नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं. यहां पर हम उन सभी का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र कर रहे हैं.
नई दिल्ली. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के टेरर फंडिंग जुटाने और उसके साथ लिंक होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की ओर से कड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसके अंतर्गत संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया. पीएफआई समेत इसकी सभी सहयोगी 8 संस्थाओं को भी पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है. इसके बाद से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं. गृह मंत्रालय ने पीएफआई (Popular Front of India) पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act) के कड़े प्रावधानों के तहत प्रतिबंध लगाया है.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई के कुछ शीर्ष नेताओं, पदाधिकारियों व उनके प्रोफाइल की बात करें तो जांच एजेंसियों की ओर से इस माह ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी. देशव्यापी छापेमारी के दौरान इन नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है. इनके टॉप लीडर्स में 9 नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं. यहां पर हम उन सभी का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र कर रहे हैं:ओमा सलाम, पीएफआई अध्यक्ष - सलाम, केरल राज्य बिजली बोर्ड का एक कर्मचारी है जिसको निलंबित कर दिया गया है. सलाम के पीएफआई के साथ संबंध बताए गए हैं जिसकी विभागीय जांच की जा रही है. वह कथित तौर पर पीएफआई के ही एक फ्रंट माने जाने वाले रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) से भी जुड़ा हुआ है.अनीस अहमद, राष्ट्रीय महासचिव - अहमद, साइबर गतिविधियों और पीएफआई को विस्तार देने के लिए काम करता है जिसने बेंगलुरु में स्ट्डी की है. वह एक वैश्विक दूरसंचार कंपनी में कार्यरत था जिसको अब इन गतिविधियों के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. जांच एजेंसियों ने उसको केंद्र सरकार की नीतियों और शासन के खिलाफ सोशल मीडिया, समाचार चैनलों और वर्तमान मुद्दों पर टिप्पणी/प्रतिक्रिया करने के साथ मुखर/आलोचना के लिए "सक्रिय" पाया गया है.पी कोया, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य - कोया, प्रतिबंधित सिमी का पूर्व "सक्रिय" सदस्य रहा है. वह एक निजी कंपनी में काम करने के लिए 1986 में तीन साल के लिए कतर भी गया. बाद में उन्होंने केरल के कोझीकोड विश्वविद्यालय में लेक्चरर के रूप में काम भी किया. कोया ने इस्लामिक यूथ सेंटर (IYC), कोझीकोड के निदेशक के रूप में भी काम किया. जांच एजेंसियों के मुताबिक यह यूथ सेंटर इस्लामी विचारधारा का प्रचार करता है, जोकि वास्तव में इस्लामी कट्टरवाद और मुस्लिम उग्रवाद को पोषित करता है.ईएम अब्दुर रहमान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - रहमान केरल के एर्नाकुलम जिले में स्थित कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन हैं. वह सिमी का पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. संघीय एजेंसियों का कहना है कि वह "पीएफआई के बहुत प्रभावशाली नेता और निर्णय लेने वाले भी हैं.अफसर पाशा, राष्ट्रीय सचिव - पाशा, एक व्यवसायी होने के साथ-साथ 2006 में PFI के गठन के बाद से उसका एक्टिव मैंबर रहा है.अब्दुल वाहित सैत, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद का सदस्य - वह शिवाजीनगर, बेंगलुरु के कच्छी मेमन समुदाय से संबंध रखता है, और कट्टरपंथी इस्लामी संगठन (PFI) का फाउंडर मैंबर है और एक सॉफ्टवेयर साल्यूशन एंटरप्राइज का संचालन करता है. मोहम्मद शाकिब उर्फ शाकिफ, राष्ट्रीय सचिव (मीडिया और जनसंपर्क) - पीएफआई का संस्थापक सदस्य है और उसका अपना रियल एस्टेट का व्यवसाय है.मिनारुल शेख, अध्यक्ष, पीएफआई पश्चिम बंगाल - अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले मिनारुल कोचिंग कक्षा भी संचालित करते हैं और शोध कार्य करते हैं.मोहम्मद आसिफ, अध्यक्ष, पीएफआई राजस्थान - स्नातक की पढ़ाई करते हुए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) में शामिल हो गया था और इसके राष्ट्रीय महासचिव बना. वहीं 2013-14 में उसको पीएफआई का प्रदेश उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया. जांच एजेंसियों का कहना है कि वह राज्य में संगठन का सक्रिय तरीके से प्रसार करने के लिए एक्टिव और जिम्मेदार रहा है.
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Tags: Home ministry, PFI, Terror FundingFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 08:32 IST