बेटे को मारने दीजिए मां-बाप की गुहार CJI चंद्रचूड़ का दिल छूने वाला फैसला
बेटे को मारने दीजिए मां-बाप की गुहार CJI चंद्रचूड़ का दिल छूने वाला फैसला
Justice DY Chandrachud News: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ रियारमेंट से पहले बतौर सीजेआई अपने आखिरी फैसले में जस्टिस चंद्रचूड़ एक बुजुर्ग मां-बाप को बड़ी राहत दे गए. इच्छामृत्यु की मांग वाली इस याचिका पर उन्होंने ऐसा फैसला सुनाया, जिसे जानकर आप भी तारीफ करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ अब इस पद से रिटायर हो चुके हैं. हालांकि रियारमेंट से पहले बतौर सीजेआई अपने आखिरी फैसले में जस्टिस चंद्रचूड़ एक गरीब बुजुर्ग दंपति को बड़ी राहत दे गए. इस दंपति ने 30 साल के अपने बेटा हरीश राणा के लिए इच्छामृत्यु की मांग की थी.
62 साल के अशोक राणा और 55 वर्षीय निर्मला देवी को अपने बेटे की देखभाल के लिए बहुत आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था. हरीश मोहाली में पढ़ाई के दौरान चौथी मंजिल से गिर गया था, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई थी और उसके शरीर को लकवे मार गया था.
13 साल से कोमा में है बेटा
हरीश बीते 13 साल से ज्यादा वक्त से कोमा में है और उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. हरीश के माता-पिता आर्थिक रूप में कमजोर हैं और अपने बेटे का इलाज उनपर काफी भारी पड़ रहा था. इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि उनके बेटे को ‘पैसिव यूथेनेसिया’ की इजाजत दी जाए, यानी लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने का अधिकार दिया जाए.
जस्टिस चंद्रूचड़ ने क्या सुनाया फैसला?
बता दें कि ‘पैसिव यूथेनेसिया’ के तहत मरीज का आर्टिफिशियल सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया जाता है, ताकि प्राकृतिक रूप से उसकी मौत हो सके. हालांकि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उस गरीब मां-बाप की व्यथा समझ गए और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह हरीश राणा के इलाज के खर्च को पूरा करने के तरीके तलाशे.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपनी आखिरी सुनवाई के दौरान केंद्र की एक रिपोर्ट का रिव्यू किया, जिसमें एक व्यापक देखभाल योजना (केयर प्लान) का जिक्र किया गया था. रिपोर्ट में पुष्टि की गई थी कि यूपी सरकार होम केयर सर्विस मुहैया कराएगी. इसमें फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन का नियमित दौरा, ऑन-कॉल मेडिकल ऑफिसर और नर्सिंग सपोर्ट शामिल होगा. इसके साथ ही सरकार सभी ज़रूरी दवाओं और चिकित्सा सामग्री का खर्च भी उठाएगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि अगर राणा के लिए होम केयर उपयुक्त नहीं रहता है, तो उसे बेहतर इलाज के लिए नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
Tags: DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 17:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed