आजादी के बाद खादी की अनदेखी की गई सूत कांतने की प्रक्रिया भी ईश्वर की आराधना से कम नहीं: PM मोदी
आजादी के बाद खादी की अनदेखी की गई सूत कांतने की प्रक्रिया भी ईश्वर की आराधना से कम नहीं: PM मोदी
PM Narendra Modi News: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस तरह से खादी स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरक बनी, यह आत्मनिर्भर भारत के लिए भी प्रेरक बन सकती है.
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आजादी के बाद खादी की अनदेखी की गई लेकिन अब यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन सकती है. उन्होंने साबरमती नदी तट पर खादी उत्सव के दौरान यह कहा. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद खादी की अनदेखी की गई जिसके चलते देश में बुनकरों की स्थिति खराब हो गई.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से खादी स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरक बनी, यह आत्मनिर्भर भारत के लिए भी प्रेरक बन सकती है. उन्होंने कहा, ‘इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया. खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है.’
उन्होंने आगे कहा, जो देश अपना इतिहास भूल जाते हैं, वो देश नया इतिहास बना भी नहीं पाते हैं. खादी हमारे इतिहास, विरासत का अभिन्न हिस्सा है. जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं, तब दुनिया भी उसे मान और सम्मान देती है.’ पीएम मोदी ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि इस अवसर पर करीब 7,500 महिलाओं ने एक ही समय पर और स्थान पर चरखा चला कर एक कीर्तिमान बनाया है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे लिए आज यह चरखा चलाना कुछ भावुक पल था. ये मुझे मेरे बचपन की ओर ले गई. हमारे छोटे से घर में एक कोनें में ये सारी चीजें रहती थीं. ऐसा लगता है कि सूत कांतने की प्रकिया भी ईश्वर की आराधना से कम नहीं है.’ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत खादी उत्सव का आयोजन किया जा रहा.
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Tags: Gujarat, Narendra modiFIRST PUBLISHED : August 27, 2022, 20:31 IST