आजादी की लड़ाई में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे का मामला हाईकोर्ट में

PIL in High Court: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हाल में नकली शराब पीने से जान गंवाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से सभी पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये देने के आदेश को रद्द करने संबंधी एक जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की गई है.

आजादी की लड़ाई में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे का मामला हाईकोर्ट में
चेन्नई. तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हाल में नकली शराब पीने से जान गंवाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से सभी पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये देने के आदेश को रद्द करने संबंधी एक जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की गई है. यह जनहित याचिका मोहम्मद गौस ने दायर की है. याचिका पर सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि मुआवजे की राशि अधिक है. साथ ही उन्होंने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. जनहित याचिका में कहा गया है कि पीड़ित स्वतंत्रता सेनानी या सामाजिक कार्यकर्ता नहीं थे जिन्होंने आम जनता या समाज के लिए अपनी जान गंवाई बल्कि उन्होंने नकली शराब पीकर गैरकानूनी काम किया. गौस की ओर से दाखिल याचिका के अनुसार, अवैध शराब पीना गैरकानूनी है. याचिका में कहा गया है कि राज्य को उन लोगों पर दया नहीं करनी चाहिए जिन्होंने अवैध शराब पी और गैरकानूनी काम किया. मोदी से खूब मिल रहा ब्रिटेन के नए PM स्टार्मर का ‘मन’, देश को लेकर सोच सेम, कैसे भारत की UK से जमकर बनेगी? उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति केवल दुर्घटना के पीड़ितों को दी जानी चाहिए न कि उन लोगों को जिन्होंने अपने आनंद के लिए कोई अवैध कार्य किया हो. याचिका में कहा गया कि शराब त्रासदी के सभी पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश अनुचित और मनमाना है. जबकि अवैध शराब के उपभोक्ताओं को मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए और उनके साथ पीड़ित जैसा बर्ताव भी नहीं किया जाना चाहिए. Tags: High court, Madras high courtFIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 14:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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