शारीरिक संबंध का मतलब रेप तो दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किया साफ
शारीरिक संबंध का मतलब रेप तो दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किया साफ
POCSO Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक पॉक्सो केस में साफ कहा कि शारीरिक संबंध का अर्थ रेप या यौन उत्पीड़न नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि केवल इस आधार पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा नहीं सुनाई जा सकती कि पीड़िता नाबालिग है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक शख्स को पॉक्सो (POCSO) मामले में बरी करते हुए कहा कि नाबालिग पीड़िता द्वारा ‘शारीरिक संबंध’ शब्द का इस्तेमाल करने का मतलब रेप नहीं हो सकता. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ ने आरोपी की अपील कबूल कर ली, जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जजों ने कहा कि यह साफ नहीं है कि ट्रायल कोर्ट ने कैसे नतीजा निकाला कि जब पीड़िता स्वेच्छा से आरोपी के साथ गई थी, तो कोई रेप हुआ था. अदालत ने जोर देकर कहा कि शारीरिक संबंध या ‘संबंध’ से यौन उत्पीड़न और फिर रेप तक की छलांग को सबूत के जरिये कायम किया जाना चाहिए और इसे अनुमान के रूप में नहीं निकाला जा सकता है.
अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा कि केवल यह तथ्य कि पीड़िता की उम्र 18 साल से कम है, इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि रेप हुआ था. पीड़िता ने वास्तव में ‘शारीरिक संबंध’ शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि उसने उक्त शब्द का इस्तेमाल करके क्या कहा था. यहां तक कि ‘संबंध बनाया’ शब्द का इस्तेमाल भी POCSO अधिनियम की धारा 3 या IPC की धारा 376 के तहत अपराध कायम करने के लिए काफी नहीं है. हालांकि POCSO अधिनियम के तहत अगर लड़की नाबालिग है तो सहमति मायने नहीं रखती, लेकिन ‘शारीरिक संबंध’ शब्द को यौन उत्पीड़न तो दूर, यौन संभोग में भी नहीं बदला जा सकता.
‘संदेह का लाभ आरोपी को’
अदालत ने कहा कि ‘संदेह का लाभ आरोपी के पक्ष में होना चाहिए और इसलिए उसने फैसला सुनाया कि आक्षेपित फैसले में किसी भी तर्क का पूरी तरह से अभाव है और यह दोषसिद्धि के लिए किसी भी तर्क को प्रकट या समर्थन नहीं करता है. ऐसी परिस्थितियों में, फैसला रद्द किए जाने योग्य है. अपीलकर्ता को बरी किया जाता है.’
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आरोपी को पहले आजीवन कारावास की सजा
इस मामले में नाबालिग लड़की की मां ने मार्च 2017 में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसकी 14 साल की बेटी को एक अज्ञात शख्स ने बहला-फुसलाकर उसके घर से अगवा कर लिया है. नाबालिग को फरीदाबाद में आरोपी के साथ पाया गया. जिसे गिरफ्तार किया गया और बाद में दिसंबर 2023 में आईपीसी के तहत बलात्कार और पॉक्सो के तहत यौन उत्पीड़न के अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया. बाद में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
Tags: DELHI HIGH COURT, POCSO caseFIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 19:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed