सनन्दन उपाध्याय/बलिया: बागी धरती पर मिलने वाली हर चीज ही खास है. अपने तेवर से देश दुनिया में मशहूर यह जिला खानपान के मायने में भी किसी से कम नहीं है. हम बात कर रहे हैं उस देसी मिठाई की जिसके स्वाद का दीवाना सालों से लोग हैं. जी हां बलिया रेलवे स्टेशन से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित इस चट्टी का पेड़ा लगभग 50 साल से लोगों को आकर्षित कर रहा है.
दुकानदार छोटेलाल गुप्ता ने बताया कि यह दुकान लगभग 50 साल पुरानी है. यहां का पेड़ा काफी मशहूर है. इसको खाने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. इसको बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से दूध मंगाया जाता है. इस पेड़े को हर वर्ग के लोग पसंद करते हैं.
ऐसे बनता है ये देसी पेड़ा…
दुकानदार ने आगे बताया कि इस पेड़े को बनाने के लिए गांव से दूध मंगाया जाता है. इस दूध को जलाकर खोवा तैयार किया जाता है. अब अब इसको खूब देर तक मिलाया जाता है. केवल इतनी प्रक्रिया के बाद यह अपने पूरे स्वाद में आ जाता है. इसके बाद इसको छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर पेड़े का आकार दे दिया जाता है. कीमत की बात करें तो यह ₹260 प्रति किलो के हिसाब ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाता है.
क्या बोले बोले ग्राहक…
दुकान पर आए तमाम ग्राहकों ने कहा कि इस पेड़े का आनंद हम लोग बचपन से लेते आ रहे हैं. बहुत स्वादिष्ट और लाजवाब लगता है. जब बनता है तो आसपास भी इसकी खुशबू फैल जाती है. इसको खाने में बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ता है यह मुंह में जाते ही घुल जाता है.
ये हैं लोकेशन…
बलिया रेलवे स्टेशन से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित हनुमानगंज पुल से ठीक दो कदम आगे दाहिने बगल पर बच्चा लाल मिष्ठान भंडार की दुकान है, जहां यह देसी पेड़ा मिलता है.
FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed