वृंदावन में फेमस है मामा कचौड़ी यहां 50 सालों से बरकरार है दाल-पूड़ी का स्वाद

famous Mama Kachori in Vrindavan: वृंदावन के मामा कचौड़ी वाले बेहद ही फेमस है. मथुरा से वृंदावन की ओर जाने वाला हर दूसरा व्यक्ति इनकी दाल- पूड़ी का आनंद लिए बिना नहीं जाता है. यह दाल- पूड़ी शुद्ध आटा उर्द की दाल और धनिया से बनाई जाती है. गरमा गरम दाल- पूड़ी खाने का आनंद ही कुछ अलग होता है.

वृंदावन में फेमस है मामा कचौड़ी यहां 50 सालों से बरकरार है दाल-पूड़ी का स्वाद
निर्मल राजपूत /मथुरा: बृजवासी खाने-पीने में किसी से भी कम नहीं है. यहां लोगों को बस खाने का बहाना चाहिए. मथुरा की जलेबी और कचौड़ी लोगों को जमकर भाती है, तो वृन्दावन के मामा कचौड़ी वालों की दाल-पूड़ी का भी जवाब नहीं. वृन्दावन की ओर आने बाला हर दूसरा व्यक्ति इनकी दाल-पूड़ी का स्वाद चखे बिना आगे नहीं बढ़ता. सैकड़ों प्लेट यहां चंद घंटों में बिक जाती है. वृंदावन के मामा कचौड़ी वाले बेहद ही फेमस है. मथुरा से वृंदावन की ओर जाने वाला हर दूसरा व्यक्ति इनकी दाल- पूड़ी का आनंद लिए बिना नहीं जाता है. यह दाल- पूड़ी शुद्ध आटा उर्द की दाल और धनिया से बनाई जाती है. गरमा गरम दाल- पूड़ी खाने का आनंद ही कुछ अलग होता है. स्वादिष्ट होती है दाल-पूड़ी ग्राहक भानु प्रताप से जब यहां की पूड़ी के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि ये बेहद ही खास है. 20 रुपये प्रति प्लेट दाल- पूड़ी का रेट है. हम लोग 2 साल से यहां आकर नाश्ता करते हैं. पास में कॉलेज है और यहां दाल- पूड़ी बेहद ही खास होती है. इसलिए हम लोग नाश्ता करने के लिए सुबह-सुबह आ जाते हैं. यहां की दाल- पूड़ी और कचौड़ी कभी नुकसान नहीं करती है. खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है, इसलिए यहां सैकड़ों प्लेट चंद घंटे में सेल कर दी जाती है. हम जब भी यहां ठेले पर आते हैं, तो हमेशा भीड़ लगी रहती है. पूड़ी के साथ में दो तरह की सब्जी, हरी मिर्च और रायता दिया जाता है. जो सबसे अलग होता है. कढ़ाई से निकलने के बाद दाल- पूड़ी पालक झपकते ही खत्म हो जाती है. सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक लगता है ठेला दुकान स्वामी नत्थो सिंह ने बताया कि मामा कचौड़ी के नाम से ठेला लगाते हैं. 50 साल से अधिक ठेला लगाते हुए हो गया है. तीसरी पीढ़ी इस काम को बखूबी से अंजाम दे रही है. एक प्लेट में दो पूड़ी ₹20 की दी जाती है. सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक ठेला लगता है. 300 के करीब प्लेट सेल हो जाती है. पागल बाबा मंदिर के सामने हमारा ठेला लगाता है. उन्होंने कहा कि शुद्ध सरसों का तेल हम सामान बनाने में उपयोग करते हैं. Tags: Food, Local18, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 13:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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