ऑक्सीजन नहीं हो सकती जीवन की खोज के लिए आदर्श संकेत पर क्यों

पृथ्वी (Earth) पर ऑक्सीजन (Oxygen) के बिना जीवन की कल्पना करना ही मुश्किल है. इसीलिए किसी बाह्यग्रह (Exoplanet) के वायुमंडल में यदि खगलोविदों को ऑक्सीजन की उपस्थिति का पता चलता है, तो यह माना जाता है कि वहां जीवन हो सकता है. अभी तक वैज्ञानिक भी ऑक्सजीन की उपस्थिति को एक प्रमुख जैवसंकेतक मानते थे. लेकिन अब शोधकर्ताओं का कहना है कि ऑक्सीजन की उपस्थिति जरूरी नहीं जीवन की प्रक्रियाओं के होने का इशारा हो.

ऑक्सीजन नहीं हो सकती जीवन की खोज के लिए आदर्श संकेत पर क्यों
हाइलाइट्सऑक्सीजन पृथ्वी पर जीवन का आधार है. इसलिए बाह्यग्रह में इसे एक जीवन संकेतक के तौर पर खोजा जाता है. लेकिन ऑक्सीजन अजैविक प्रक्रियाओं से भी पैदा हो सकती है. पृथ्वी पर ऑक्सीजन (Oxygen on Earth) जीवन के लिए बहुत ही जरूरी तत्व है. जीवों के सांस लेने या फिर केवल प्रकाश संश्लेषण के लिए ही नहीं बल्कि जीवन के मूलभूत जैविक यौगिकों में भी ऑक्सीजन एक बड़ा घटक होता है. इसलिए स्वाभाविक तौर पर माना जाना चाहिए कि अगर किसी सुदूर बाह्यग्रह (Exoplanet) से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वहां पर ऑक्सीजन  की उपस्थिति है, तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वहां जीवन हो सकता है. लेकिन नए अध्ययन का कहना है कि ऐसा जरूरी नहीं है. उनका कहना है कि किसी ग्रह पर कई ऐसी प्रक्रियाएं हो सकती हैं जो बिना जीवन की उपस्थिति (Existence of life) के भी ऑक्सीजन पैदा कर सकती हैं. पृथ्वी पर ऑक्सीजन पृथ्वी पर ऑक्सीजन की भरमार है. केवल वायुमडंल ही नहीं स्थलमंडल और जलमंडल में भी कई रूप में ऑक्सीजन है. पृथ्वी की पर्पटी का 46 प्रतिशत हिस्सा ऑक्सीजन से बना है और मेंटल में भी करीब इतना ही ऑक्सीजन है. वायुमंडल में तो ऑक्सीजन केवल 20 प्रतिशत है. जलमंडल में पानी  भरा है जो कि खुद ऑक्सीजन से बना है. ऑक्सीजन की कैसे हुई प्रचुरता पृथ्वी पर ऑक्सीजन की बहुतायात करीब दो अरब साल पहले ग्रेट ऑक्सीडेशन घटना (GOE) सके कारण होना शुरू हुई थी.  प्रकाश संश्लेषण पहले साइनोबैक्टीरिया ने शुरू किया जिससे धीरे-धीरे ऑक्सीजन वायुमंडल के साथ साथ मेंटल और पर्पटी तक पहुंचने लगी. वहीं जानवरों में भी जानवर में श्वसन प्रक्रिया उनके जीवन का प्रमुख आधार है इसलिए जीवन की ऑक्सीजन की कल्पना करना ही संभव नहीं है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Earth, Research, ScienceFIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 09:35 IST